पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१७१

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हस्त्यारोही ५४८३ हाँ हस्त्यारोही २---सञ्चा ० हाथी का सवार । वह व्यक्ति जनो हाथी पर हहल'-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] भयकर विष । मारक विप । हलाहल [को०] । बैठा हुआ हो (को०। हहल'--सञ्ज्ञा स्त्री० [अनु० हहर ] हहरने की स्थिति, भाव या त्रिया । हस्त्यालुक-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का कद [को०] । भय । खौफ । कपकपी । थरथराहट । थर्राहट । हस्पताल--सञ्ज्ञा पुं० [अ० हॉस्पिटल अस्पताल । चिकित्सालय । दवा हहलाना-क्रि० अ० [अनु॰] दे॰ 'हहरना' । खाना । उ०--निदान जो वे मरी, हस्पताल मे गईं।-प्रेमघन०, हहलाना-क्रि० अ०, क्रि० स०, दे० 'हहराना' । भा० २, पृ० १६१॥ हहव-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] बौद्ध मतानुसार एक नरक [को०] । हस्व--वि० [अ०] अनुसार । माफिक । हहा-सञ्ज्ञा पु० [स०] एक गधर्व जाति । हाहा [को०] । यौ०-हस्वे कायदा = नियम, कायदे के अनुसार । हस्वे कानून = हहा २-सज्ञा स्त्री० [अनु०] १ हंसने का शब्द । ठट्ठा । जैसे,—क्यो 'हहा विधि या कानून के मुताविक। हस्बे जाविता = (१) नियमानुसार । हहा' करते हो? उ.--तुलसी सुनि केवट के वरवैन हँसे प्रभु विधि के अनुकूल । हस्चे जैल = नीचे लिखे अनुसार । हस्वे दस्तूर 3 जानकी ओर हहा है।-तुलसो। २ दीनतासूचक शब्द । विधि या नियम के अनुसार । हस्वे मशा = इच्छानुकूल । हस्वें गिडगिडाने का शब्द । अत्यत अनुनय विनय का शब्द । मामूल = यथानियम । हस्वे रिवाज = रिवाज और रस्म के ३ विनती। चिरौरी। गिडगिडाहट । अनुसार । हस्बे हाल = दे० 'हसव हाल' । हस्वे हुक्म - अाज्ञा- क्रि० प्र०-करना। नुसार । हस्बे हैसियत = (१) हैसियत या वित्त के मुताविक। मुहा०-हहा खाना = बहुत गिडगिडाना । बहुत विनती करना । २ शक्ति या सामर्थ्य के अनुसार । हस्वे हौसला= हिम्मत या हहा खवानाg%3D विनती कराना । निवेदन कराना । उ०- उत्साह के माफिक । तेरे मनाइवे वीच उनिदित, सोच मै क्यो पलकै तू मिलाई । हस्र-वि० [स०] १ हँसनेवाला । मुस्करानेवाला। हासयुक्त । २ अज्ञ। काल के लालन भूखे हुते, सुभली करी तैने हहा ती खवाई।- मूर्ख । बेवकूफ [को०] । नट०, पृ०८८॥ हस्र--सञ्ज्ञा पु० [अ०] अवलवन । निर्भरता । सहारा [को०) ४ हाहाकार। हस्सम--सञ्ज्ञा पुं० [अ० हशम] स्वामी के लिये लडनेवाले सेवक । हागर-सन्हा पुं० [सं० हागर] एक बृहदाकार मत्स्य [को०] । सेना । दे० 'हसम' । उ०-हस्सम हय गय मुक्कि तक्कि षटू हान-सञ्ज्ञा पुं० [सं० हान्त्र] १ मृत्यु । मरण । मौत । २ युद्ध । वन धाइय ।-पृ० रा०, १०1१६ । लडाई। सघर्ष। ३ एक दैत्य का नाम राक्षस [को०)। हहर-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० हहरना] १ थर्राहट । कंपकंपी। २ भय । डर । ३ चकपकाने या चकित होने की स्थिति । ४ घबराहट । हाबीरी- 1-सञ्ज्ञा स्त्री० [स० हाम्बीरी] एक प्रकार की रागिनी। ५ प्रसन्नता या हर्प के कारण होनेवाली हडबडी। हास-वि० [स०] हस का या हस सवधी । हहरना-क्रि० अ० [अनु॰] १ कांपना । थरथराना । उ०-पहल हॉ'-अव्य [स० प्राम्] १ स्वीकृतिसूचक शब्द । समतिसूचक शब्द । पहल जो रूई झाँपै । हहरि हहरि अधिकी हिय कॉपै ।- वह शब्द जिसके द्वारा यह प्रकट किया जाता है कि हम यह जायसी (शब्द॰) । २ डर के मारे काँप उठना । दहलना । बात करने को तैयार है । जैसे,—प्रश्न-तुम वहां जानोगे? बहुत डर जाना । थर्राना । उ०--नाथ भलो | रघुनाथ मिले उत्तर-'हाँ'। २ एक शब्द जिसके द्वारा यह प्रकट किया जाता रजनीचर सेन हिये हहरी।-(शब्द॰) । ३ दग रह जाना। है कि वह बात जो पूछी जा रही है, ठीक है। जैसे,—प्रश्न- चकित रह जाना । आश्चर्य से ठक रह जाना । ४ कोई बात तुम वहाँ गए थे? उत्तर-हाँ। बहुत अधिक देखकर क्षुब्ध होना । डाह करना। सिहाना । उ० मुहा ०-हाँ करना=3 (१) स्वीकार होना । समत होना। राजी काम बन नदन की उपमा न देत वन, देखि के विभव जाको होना (२) ठीक मान लेना। यह मानना कि कोई बात ऐमी सुरतरु हहरत ।-कोई कवि (शब्द॰) । ५ कोई वस्तु बहुत ही है । हाँ न करना = इधर उधर की बात कहकर जत्दी म्वी- अधिक देखकर दग होना। अधिकता देखकर चकपकाना । उ०- कार न करना । न मानना । न राजी होना। हाँ हाँ करना: ठहर ठहर परे कहरि कहरि उठे, हहरि हहरि हर सिद्ध हंसे (१) स्वीकारसूचक शब्द कहना। मान लेना । जैसे,—अभी हेरि के।--तुलसी (शब्द॰) । ६ परेशान होना। हैरान होना। तो हाँ हाँ कर रहा है, पीछे धोखा देगा ।(२) वात न काटना। ७ हर्ष और आह्लादपूर्वक किसी व्यक्तिविशेप से मिलना। 'ठीक है' 'ठीक हैं' कहना । (३) खुशामद करना। हाँ जी हाँ जी सयो० क्रि०----उठना ।-जाना करना % (१) खुशामद करना । चापलूसी करना। स्वार्थ या हहराना'-क्रि० अ० [अनु०] १ कांपना। थरथराना । २ डर के मारे दवाव वश समर्थन करना । उ०-जिसके घर मे रहना। ऊंट कापना । दहलना । थनिा। उ०-चचल चपेट चरनचकोट विलया ले गई तो हाँ जी हा जी कहना । (कहावत) । हाँ मे हाँ चाहै, हहरानी फौज भहरानी जातुधान को।-तुलसी (शब्द॰) । मिलाना = (१) विना विचार किए बात का समर्थन करना। ३ डरना । भयभीत होना। ४ दे० 'हरहराना' । प्रसन्न करने के लिये किसी के मन की बात कहना । (२) हहराना'-क्रि० स० दहलाना । भयभीत करना। खुशामद करना। चापलूसी करना । हिं० श० ११-२०