पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१७३

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हाथ ५४८५ हाई २ दूर किया हुआ । हटाया हुआ । उ.--( क ) प्रिया, २. परिहास । हमी ठट्ठा । दिल्लगी। मजाक । ठठोली । उ- वचन कस कहसि कुभाती । भीर प्रतीति प्रीति करिहाँती। (क) निर्गुन कोन देस को वासी । ऊधो । नेकु हमहिं समुझा- तुलसी (शब्द॰) । (ख) जानत प्रीति रीति रघुराई । नाते वहु, बूझति साँच न हाँसी । —सूर (शब्द॰) । (ख) हमरे प्रान सब हाँते करि राखत राम सनेह सगाई।—तुलसी (शब्द॰) । अघात होत है, तुम जानत हो हाँसी।—सूर (शब्द०)। ३ (ग) कत, सुनु मत, कुल अन किए अत हानि, होतो कीजे उपहास । निंदा । उ०-(क) ऊधो, कही सो बहुरि न कहियो। हीय ते भरोसो भुज बीस को।—तुलसी (शब्द॰) । हाँसी होन लगी या ब्रज मे, अनवोले ही रहियो ।--सूर हाँथ -सहा पुं० [ स० हस्त, प्रा० हथ्य, हिं० हाय] दे॰ 'हाथ' । (शब्द०)। (ख) जेते ऐडदार दरबार सरदार सब ऊपर प्रताप दिल्लीपति को अभग भो। मतिराम कहै करवाल के कसया उ०-कोउ कर जोरि कहत तुम हाथ निवाह ।-प्रेमघन०, केते गाडर से मूंड, जग हाँसी को प्रसग भो।--मतिराम भा० १, पृ०७२ । (शब्द०)। हॉन--सशा स्त्री० [स० हानि ] दे० 'हानि'। उ०--कर सिंह क्रि० प्र०--करना।—होना । गुजार भारी भयाँन । सुनो प्रॉनहारी डरे जीव हाँन ।- हाँसुल- ह. रासो०, पृ० ३६ । -सज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक कठाभूषण । हंसुली। उ०-कचन कथा सो रानी रहा न तोला माँसु । क्त कसौटी घालि के चूरा हाँपना-क्रि० अ० [ अनु० या सं० हाफिक ] दे० 'हाँफना'। गढ कि हाँसु ।—जायसी ग्र०, पृ० १७० । हॉफना--क्रि० अ० [ अनु० हँफ हँफ या स० हाफिक ] कडी मिहनत हाँसुल 2-सज्ञा पुं० [हिं० हाँस] एक प्रकार का अश्व । कुम्मत करने, दौडने या रोग आदि के कारण जोर जोर से और हिनाई। दे० 'हॉसल'। उ०--लील समुद चाल जग जाने । जल्दी जल्दी साँस लेना। तीव्र श्वास लेना। जैसे-वह चार हाँसुल भंवर कियाह वखाने ।-जायसी ग्र० (गुप्त), पृ० १५० । कदम चलता है तो हांफने लगता है। हाँ हॉ-अव्य० [हिं० अहाँ ( = नही)] निषेध या वारण करने का हाँफा--सञ्ज्ञा पुं० [हिं० हॉफना ] हाँफने की क्रिया या भाव । तीव्र शब्द । वह शब्द जिसे वोलकर किसी को कोई काम करने से और क्षिप्र श्वास। जल्दी जल्दी चलती हुई साँस । चटपट रोकते हैं । जैसे,—हाँ हाँ । यह क्या कर रहे हो? मुहा०-हाँफा छूटना = कडी मिहनत करने पर या रोगादि के हा'---अव्य० [सं०] १ शोक, दुख, पीडा या निराशासूचक शब्द । कारण थोडा श्रम करने पर हांफने लगना । उ०-जिन्हें २ आश्चर्य या प्राह्लादसूचक शब्द । ३ क्रोध, फटकार, व्यग्य- चार पग चलने मे हांफा छूटता।-प्रेमघन० भा० २, पृ० २८१ । सूचक शब्द । ४ भयसूचक शब्द । हाँमैला-सज्ञा पुं० [ देश० ] एक प्रकार की चिडिया । यौ०-हाकार = हा करनेवाला व्यक्ति या शोकादिसूचक हा शब्द हाँसा–समा स्त्री० [ स० हास ] दे० 'हँसी' । उ०-स्याम गात सरोज की ध्वनि । हाकृत = हाय हाय की आवाज से भरा हुआ ग्रानन, ललित गति मृदु हाँस । सतवाणी०, पृ० ६० । शोकसूचक रुदन । हा हत । हा हा । हाँस-सज्ञा पुं० [ स० हंस ] जीवात्मा। जीव । प्राण । दे० 'हस' । हार--सज्ञा पुं० हनन करनेवाला। मारनेवाला। बध या नाश करने- वाला । (यौगिक शब्दो के अत मे प्रयुक्त)। उ०-कौन शन्नु उ०--साज्या काल न छोडै पास । छूट पिंड उडावै हाँस ।- तै हत्यो कि नाम शत्रुहा लिया ?--केशव (शब्द॰) । प्राण०, पृ० १॥ हाँस-सज्ञा स्त्री॰ [ स० असली, हिं० हसली, हंसुली या देश. ]३० हाइg -अव्य० [हिं० हाय] दे० 'हाय' । 'हंसली' । उ०-देखत अपनी औरत कू लाया गले । सो वाहाँ हाइड्रोजन-सञ्ज्ञा पु० [अ०] एक वायवीय तत्व जो जल का घटक है। केरा हाँस भाया गले ।-दक्खिनी०, पृ० ६२ । हाइड्रोसील-सज्ञा पुं० [अ०] अडकोश या फोते मे शरीर के विकृत हाँसना-क्रि० अ० [ स० हसन ] दे० 'हंसना' । जल का जमा होना । अडवृद्धि । फोते का वढना । हाँसल-सज्ञा पु० [हिं० हाँस ] घोडो का एक भेद। वह घोडा हाइफन-सज्ञा पुं० [अ०] एक विराम चिह्न जो एक मे समस्त दो या जिसका रग मेहँदी सा लाल और चारो पैर कुछ काले हो । अधिक शब्दो के बीच मे लगाया जाता है। सामासिक चिह्न। कुम्मत हिनाई। उ०-हाँसल गौर गियाह वखाने । - जायसी जैसे,-रघुकुल-कमल-दिवाकर । (शब्द०)। हाइभाइ@+-सञ्चा पुं० [सं० हाव + भाव] हावभाव । मुद्रा। हाँसल-सञ्ज्ञा पुं० [अ० हासिल] हासिल । लगान । कर । उ. भगिमा। उ०--वीर भोग वसुमती वीरभोगी बर चाहो । मह अध दीघ हाँसल मोक ।-रघु० ६०, पृ० १२२ । हाइमाइ कटाच्छ बीर वीरा तन साहीं ।-पृ० रा०, १७७४ । हाँसवर --सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० हंसली] दे० 'हंसली'। हाइल--वि० [देश॰] दे॰ 'हायल' । हाँसिल-सज्ञा स्त्री० [अ० हाजर] १ रस्सा लपेटने की गराडी । २ हाई -सक्षा स्त्री० [म० घात] १ दशा। हालत । अवस्था। जैसे-- लगर की रस्सी । पागर । (लश्करी)। अपनी हाई और पर छाई। २ ढग। घात। तौर । ढब । क्रि० प्र०तानना। उ०-ऊधो, दीनी प्रीति दिनाई। वातनि सुहृद, करम कपटी हाँसी-सशा स्त्री॰ [स० हास्य] १ हंसी। हंसने की क्रिया या भाव । के, चले चोर की हाई।-सूर (शब्द॰) ।