पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१७४

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हाईकोर्ट ५४८६ हाजिम हाईकोर्ट-मज्ञा पुं० [अ०] हिंदुस्तान में किसी प्रदेश या प्रात की मुहा०- हाशिम का कुत्ता किसी हाकिम के अधीन वे छोटे दीवानी और फौजदारी की सबसे बडी अदालत । सबसे बडा कर्मचारी जो हाकिम से मिलने मे बाधा पैदा करें और विना न्यायालय । उच्च न्यायालय । घून लिए मिलने न दें। विशेप-हिंदुस्तान के प्रत्येक बडे प्रदेश मे एक हाईकोर्ट है। हाकिमाना-वि० [अ० हाकिमानह] १ हाकिम के ढग का । रोवदाव से जसे,-कलकत्ता हाईकोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट, अादि । युक्त । २ हाकिम से मवढ । हाई ड्रोफोविया--सञ्ज्ञा पु० [अ०] शरीर के भीतर एक प्रकार का हाकिमी-मज्ञा सी० [अ० हाकिम + ई (प्रत्य॰)] हाकिम का काम । उपद्रव या व्याधि जो पागल कुत्ते, गीदड आदि के काटने से हुकूमत । प्रनुत्व । शासन । उ०--कहूं हाकिमी करत है, कहूँ होता है । इसमे मनुष्य प्यास के मारे व्याकुल रहता है, पर पानी बदगी प्राय । हाकिम बदा पाप ही दूजा नही देखाय ।- सामने आने से चिल्लाकर भागता है । जलवास रोग । जलातक । रमनिधि (शब्द०)। हाईस्कूल--सशा पु० [अ०] अँगरेजी की वह वडी पाठशाला जिसमे हाकिमी-वि० १ हाकिम का । हाकिम सबधी । २ हाकिम जमा । दसवी कक्षा तक विश्वविद्यालय की पढाई के पहले की पढाई हाकी -सज्ञा पुं० [अ० हाँकी) एक खेल जिनमे एक टेढी लकडी या पूरी होती है। डडे से गेंद मारते हैं। चौगान की तरह का एक अंगरेजी खेल । हाउस-सशा पु० [अ०] १ घर । मकान । जैसे,-वोडिंग हाउस, कांजी हाग्गडदिए -सया पुं० [देश॰] हाहाकार । हाउस, कानीहाउस । २ कोठी। वडी दूकान । जैसे,-हाउस हाजत-संशा सी० [अ०] १ जररत । अावश्यकता । उ०-न उमकू की दलाली। ३ सभा । मडली । जैसे,-हाउस आफ लाई । वजीर है न उसकू नजीर । न हाजत उमे है न ताज प्रो हाउस आफ कामन्स-सज्ञा पु० [अ०] दे० 'कामनसभा' । सरीर ।-दक्खिनी०, पृ० ११७ । २ चाह । उ०-नही शमा हाउस आफ लाईस-सज्ञा पुं० [अ०] ३० 'लार्डसभा'। व चिराग को हाजत । दिल है मुझ वज्म का दिया मेरा।- कविता कौ०, भा० ४, पृ०४२ । हाऊ-सज्ञा पु० [अनु॰] एक कल्पित भयानक जतु जिसका नाम बच्चो यौ० को डराने के लिये लिया जाता है। हौवा । भकाऊं। जूजू । ०-हाजतवाह = इच्छा की पूर्ति चाहनेवाला। हाजतमद = उ०-खेलन दूरि जात कित कान्हा। अाजु सुन्यो बन हाऊ ११) निर्धन । (२) इच्छुक । अभिलापी। हाजत रवां = आयो तुम नहिं जानत नान्हा।-सूर (शब्द०)। कामनाएं पूरी करनेवाला। ३ पहरे के भीतर रखा जाना । हिगसत । हवालात । हाक-सञ्ज्ञा पु० [हिं० हाँक] पुकार । गर्जन । उ०-दादू धरती मुहा०-हाजत मे देना = पहरे के भीतर देना । हवालात मे करते एक डग, दरिया करते फाल । हाकी पर्वत फाडते, सो भी डालना । हाजत मे रखना = हवालात मे रखना। खाए काल।-दादू०, पृ० ४०१ । ४ शौच आदि की तीनता या वेग । हाकर--सज्ञा पुं० [अ० हॉकर] १ घूम घूमकर सामान बेचनेवाला मुहा०-हाजत रफा वरना=शौच जाना। व्यक्ति । फेरीवाला । फेरीदार । २ वह व्यक्ति जो घूम घूमकर। हाजती —वि० [अ०] १ अभिलापी । आकाक्षी । चाहनेवाला। २ जो अखवार वेचता हो। हाजत मे रखा गया हो । हवालाती। ३ हाजतवाला। हाकल-सज्ञा पुं० [म०] एक छद का नाम जिसके प्रत्येक चरण मे १५ मात्राएँ और मे एक गुरु होता है। इसके पहले और हाजती' --मज्ञा सी० वह चीकी जो रोगी के पलग के पास इसलिये दूसरे चरण मे ११ और तीसरे तथा चौथे चरण मे १० अक्षर लगा दी जाती है जिससे पाखाना और पेशाब करने मे रोगी को कप्ट न हो। होते हैं। हाकलिका-सज्ञा स्त्री॰ [सं०] पद्रह अक्षरो का एक वर्णवृत्त । हाजमा-सा पुं० [अ० हाजमह.] पाचन क्रिया। पाचनशक्ति । भोजन पचने की क्रिया। हाकली-सज्ञा झी० [स०] दस अक्षरो का एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण मे तीन भगण और एक गुरु होता है । मुहा०—हाजमा खराव होना या हाजमा विगडना = अन्न न पचना। हाकिनी-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] तत्र शास्त्रानुसार एक प्रकार की पोर हाजरी-वि० [अ० हाज़िर] दे० 'हाजिर'। उ०—साई सिरजन- देवी। (तन)। हार तूं, तूं पावन तूं पाक । तूं काइम करतार तूं, तू हरी हाजरी श्राप !-दाटू०, पृ० ५७५। हाकिम-ज्ञा पुं० [अ०] १ हुकूमत करनेवाला । शासक । गवर्नर। हाजिक-वि० [अ० हाजिक] १ दक्ष । प्रवीण । निपुण । २ किसी २ प्रधान अधिकारी। सरदार । वडा अफसर । ३ स्वामी। शास्त्र का अत्यत निपुण जानकार [को०] । मालिक (को०) । ४ नरेश । राजा। वादशाह । उ०-तात सरूपी हाजिव-सञ्ज्ञा पुं० [अ०] १ चोवदार । दडधारी । २ भौह । भ्रू। हाकिमा जिन अमल पमारा।-कबीर श०, भा० १, पृ० ५०। ३ प्रहरी। द्वारपाल। उ०—यहाँ सव अपस का कहा उन हजूर। यौ०-हाकिम पाला, हाकिमे वाला = उच्चाधिकारी। प्रधान सुने बात सारी व हाजिव जरूर ।-दक्खिनी०, पृ० २७० । अफसर । हाकिमे वक्त = तत्कालीन शासक । हाकिमे हकीकी= हाजिम-वि० [अ० हाज़िम] १ हजम करनेवाला । भोजन पचानेवाला । ईश्वर । परमात्मा । पाचक । २ अग्रसोची । दूरदेश । बुद्धिमान (को०)।