पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१७७

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हाथ हातु ५४८६ होतु-संज्ञा पुं० [स०] १ मृत्यु । मौत । २ राजपथ । सडक । हान-सचा पुं० [स०] १ मजदूरी। भाडा । भृति । २ प्राघात । हनन । वध । ३ मृत्यु । मौत। ४. एक दैत्य [को०] । हाथ--सज्ञा पुं॰ [म० हस्त, प्रा० हत्य, हथ्थ] १ मनुष्य, वदर आदि प्राणियो का वह दडाकार अवयव जिसमे वे वस्तुओ को पकडते या छते है । बाहु से लेकर पजे तक का अग, विशेषत कलाई और हथेली या पजा । कर । हस्त । मुहा०-हाथ आगे करना= छडी या रूल आदि की मार खाने के लिये छोटे छात्रो द्वारा हथेली सामने करना । हाथ पाना, हाथ पडना, हाथ चढना = दे० 'हाथ मे आना या पडना' । उ०-- नाथ वह जो सनाथ करता है । हाथ आया न हाथ के बूते ।- चोखे०, पृ० ४ । हाथ मे पाना या पडना = अधिकार या वश मे पाना। कब्जे या काबू मे आना । मिलना या इस्तियार मे हो जाना । जैसे,—(क) सब वही ले लेगा, तुम्हारे हाथ मे कुछ भी न आवेगा। (ख) अब तो वह हमारे हाथ मे है, जैसा कहेगे वैसा करेगा। (किसी को) हाथ उठाना = सलाम करना । प्रणाम करना । (किसी पर) हाथ उठाना = किसी को मारने के लिये थप्पड या घूसा तानना । मारना । जैसे,- बच्चे पर हाथ उठाना अच्छी बात नही। उ०--औरतो पर हाथ उठाते हो।-सर कु०, पृ० १४ । हाथ उठाकर देना = अपनी खुशी से देना । जैसे,-कभी हाथ उठाकर एक पैसा भी तो नहीं दिया है। हाथ उठाकर कोसना = शाप देना। किसी के अनिष्ट की ईश्वर से प्रार्थना करना । हाथ उतरना= हाथ की हड्डी उखड जाना। हाथ ऊंचा रहना = दे० 'हाथ ऊँचा होना । उ०-हाथ ऊँचा सदा रहा किसका। हित सकल सुख सहज सहेजे मे ।-चोखे०, पृ० ११। हाथ ऊँचा होना = (१) दान देने मे प्रवृत्त होना । (२) देने लायक होना । खर्च करने लायक होना। सपन्न होना । हाथ कट जाना = (१) कुछ करने लायक न रह जाना । साधन या सहायक का अभाव हो जाना। (२) प्रतिज्ञा आदि से बद्ध हो जाना । इच्छानुसार कुछ करने के लिये स्वच्छद न रह जाना । हाथ कटा देना = (१) अपने को कुछ करने योग्य न रखना । साधन या सहायक खोदेना । उ०-धन किसी का देख काटे होठ क्यो । हाथ तो हमने कटाया है नहीं।-चुभते०, पृ० ५२ । (२) अपने को प्रतिज्ञा प्रादि से बद्ध कर देना। कोई ऐसा काम करना जिससे इच्छानुसार कुछ करने की स्वतन्त्रता न रह जाय । बँध जाना। हाथ चलाना करना । प्रहार करना । हाथ का झूठा- अविश्वसनीय । जिसपर एतवार न किया जा सके । धोखेवाज। बेईमान । हाथ का दिया = (१) दिया हुआ । प्रदत्त । जैसे,—तुम्हारे हाथ का दिया हम कुछ भी नही जानते । (२) दान दिया हुआ । जैसे,—हाथ का दिया साथ जाता है। हाथ का सच्चा = (१) ईमानदार । (२) अचूक वार करनेवाला । ऐसा वार करनेवाला जो खाली न जाय । (३) ऐसा सटीक काम करनेवाला जिसमे भूल चूक न हो। हाथ का मैल = हाथ मे प्राता जाता रहनेवाला । साधारण वस्तु । तुच्छ वस्तु । जैसे,—रुपया पैसा हाथ का मैल है । (किसी के ) हाथ की चिट्ठी या पुरजा = किसी के हाथ से लिखा हुआ पत्न या पुरजा । हस्तलेख । हाथ की लकीर- (१) हथेली मे पडी हुई लकीरे । हस्तरेखा जिनसे शुभाशुभ फल कहा जाता है । (२) भाग्य । किस्मत । हाथ के नीचे पाना या हाथ तले अाना = काबू मे प्राना। वश मे होना। ऐसी स्थिति मे पडना कि जो बात चाहें कराई जा सके । हाथ खाली जाना = (१) वार चूकना । प्रहार न वैठना । (२) युक्ति सफल न होगा । चाल चूक जाना । हाथ खाली होना = पास मे कुछ द्रव्य न रह जाना । रुपया पैसा न रहना। हाथ खाली न होना- काम में फंसा रहना । फुरसत न होना। हाथ खुजलाना = (१) किसी को मारने का जो करना । किसी को थप्पड लगाने की इच्छा होना । (२) मिलने का प्रागम होना। द्रव्यप्राप्ति के लक्षण दिखाई पडना (ऐसा विश्वास है कि जब हथेली मे खुजलाहट होती है तब कुछ मिलता है ) । हाथ खीचना = (१) किसी काम से अलग हो जाना। योग न देना। (२) खर्च बद कर देना। देना बर कर देना। हाथ खीच लेना = दे० 'हाथ खीचना। उ०-चाहिये इस तरह न खिंच जाना । किस लिये हाथ खीच लेते हे।-चुभते०, पृ० २८ । हाथ खुलना = (१) दानमे प्रवृत्ति होना । (२) खर्च करना । (३) रोक या प्रतिबंध का खत्म होना । हाथ गरम होना = दे० 'मुट्ठी गरम होना। हाथ घसना %3D दे० 'हाथ मलना' । उ०—हाथ घस निरधन हुवां, मांखी ज्यो जग माहिं ।-बाँकी० ग्र०, भाग ३, पृ० ८२॥ हाथ चलना = (१) किसी काम मे हाथ का हिलना होलना। जैसे,-अभ्यास न होने से उसका हाथ जल्दी जल्दी नही चलता। (२) किसी काम को करने का गुर समझ में आ जाना । किसी काम को करने का अभ्यास होना। (३) मारने के लिये हाथ उठना । थप्पड या घुसा तानना। जैसे,- तुम्हारा हाथ वडी जल्दी चल जाता है। हाथ चलाना = (१) किसी काम मे हाथ हिलाना डुलाना । (२) मारने के लिये थप्पड तानना। मारना । (३) किसी वस्तु को छूने या लेने के लिये हाथ वढाना । जैसे,—छाती पर हाथ चलाना। हाथ चूमना या हाथ आँखो से लगाना = (१) किसी की कलानिपुणता पर मुग्ध होकर उसके हाथो को प्यार करना। किसी की कारीगरी पर इतना खुश होना कि उसके हाथों को प्रेम की दृष्टि से देखना । जैसे,—(क) इस चित्र को देखकर जी चाहता है कि चित्रकार के हाथ चूम लूं। (ख) यह काम कर डालो तो हाथ चूम लूं। (२) स्त्रियो का, विशेप- कर वडी बूढी स्त्रियो का वच्चो के हाथ चूमकर स्नेह व्यक्त करना । हाथ चालाक या हाथचला = (१) फुरती से दूसरे की चीज उडा लेनेवाला । दूसरे की वस्तु लेने मे हाथ की सफाई दिखानेवाला । (२) किसी काम मे हाथ की सफाई दिखाने- वाला । हस्तलाघव दिखानेवाला। हाथ चालाकी -हाथ की सफाई या फुरती । हस्तकौशल । हस्तलाधव या क्षिप्रता। वार