पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१८९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

हासिद ५५०१ हा हा हासिद-वि० [अ०] हसद करनेवाला । डाह करनेवाला। ईर्ष्यालु । हास्तिन'---सञ्ज्ञा पुं० हस्तिनापुर का एक नाम [को॰] । हासिनी--वि० स्त्री० [स० हासिन् - हासी, हासिनी ] हँसनेवाली। हास्य'--वि० [सं०] १ हँसने योग्य । जिसपर लोग हँसे । २ उ.---कौन । कौन तुम निष्ठुर हासिनि ?-रजत०, पृ० ७६ । उपहसनीय । उपहास के योग्य । ३ हँसनेवाला। हंसी पैश हासिव-सज्ञा पुं० [अ०] १ वह आँधी जिसमे धूल और ककड हो । करनेवाला । हास्य उत्पन्न करनेवाला। धूल और ककड पत्थर से भरी आँधी। २ वह बादल जो ओले हास्य---सशा पु० १ हँसने की क्रिया या भाव । हँसी । २ नौ स्थायी वरसाए [को०] । भावो और रसो मे से एक । उ०--महामुनि भरत कहते हैं कि हासिल'-वि० [अ०] १ प्राप्त । लब्ध। वसूल । पाया हुआ। शृगार रस की अनुकृति हास्य है।--रस क०, पृ० ४१। ३ मिला हुआ । २ जो शेष रह जाय या जो बचा हुअा हो । उ०- उपहास । निंदापूर्ण हंसी। ४ आनद । खुशी। प्रफुल्लता काया गढ बैठो कुतवलिया हासिल ले सब दाम गनाय। (को०)। ५ ठट्ठा । ठिठोली। दिल्लगी। मजाक । गुलाल०, पृ०१ हास्यकथा--सशा स्त्री० [सं०] १ हँसी की बात । २ कोई ऐसी कहानी मुहा०- हासिल आना = दे० 'हासिल होना' । हासिल करना या आख्यायिका जो हास्य रस की हो । प्राप्त करना । लाभ करना । जैसे,--दौलत हासिल करना, हास्यकर-वि० [मं०] १ हँसानेवाला । २ जिसमे हंसी आवे । इल्म हासिल करना । हासिल होना = (१) प्राप्त होना । हास्यकार-सज्ञा पुं० [मं०] दे० 'हासक' । मिलना। शेप रहना । वाकी रहना । वच जाना। हास्यकृत-वि० [सं०] दे॰ 'हास्यकर'। हासिल-सज्ञा पुं० १ गणित करने मे किसी सख्या का वह भाग या हास्यजनक- वि० [स०] दे० 'हास्यकर' । अक जो शेष भाग के कही रखे जाने पर बच रहे । हाथ । हास्यकार्य -सञ्ज्ञा पुं० [स०] हँसी लानेवाला काम । वह काम जिसे क्रि० प्र०-ग्राना।—लगना । देखकर हँसी आवे । उपहास के योग्य कार्य । २ उपज । पैदावार । ३ लाम । नफा । ४ गणित की क्रिया का हास्यकौतुक 2-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] हास्यपूर्ण क्रीडा । हँसी खेल । फल । जैसे,—हासिल जरव, हासिल तकसीम । ५ जमा। हास्यपदवी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [सं०] उपहास । मजाक [को०) । राजस्व । लगान । वसूली । ६ परिणाम । निचोड । निष्कर्ष (को०)। हास्यमार्ग-सज्ञा पुं० [स०] दे० 'हास्यपदवी' । यौo-हासिल कलाम = वात का निष्कर्ष या निचोड। हासिल हास्यरस-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] काव्य के नौ रसो मे से एक जिमका स्थायी जमा = योगफल । जोड । मीजान । हासिल जर्व = दो सख्यानो भाव हास्य है (को॰] । के गुणन से प्राप्त सख्या । गुणनफल । हासिल तकसीम = लब्धाक । हास्यरसात्मक-वि० [म०] [वि० बी० हास्यरसात्मिका] जिसमे हास्य भजनफल । हासिल तफीक = बडी सख्या मे से शेष छोटी सख्या रस प्रधान हो। हास्य रस से भरपूर । जैसे, कविता, कहानी घटाने से प्राप्त शेप सख्या । शेप । हासिल मतलब साराश । हास्यरसिक-वि० [स०] हास्यप्रिय । विनोदी [को०] । हासी'-वि० [सं० हासिन् ] [वि० मी० हासिनी] १ हंसनेवाला । हास्यरहित, हास्यहीन-वि० [सं०] १ जो हास्य रस से रहित हो। जैसे,—चारुहासी। २ उपहास करनेवाला। ३ श्वेत । सफेद । जो हास्य रसात्मक न हो । २ जो हँसता न हो। हासी@-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० हँसना] हँसी। हास। उ०-हासी लों हास्यास्पद -सञ्ज्ञा पुं० [स०] १ हास्य का स्थान या विषय । वह जिसे उजासी जाकी जगत हुलासी है।--भारतेंदु ग्र०, भा० १, देखकर लोग हंसे। २ उपहास का विषय । वह जिसके बेढगे- पृ० २८१ पन पर लोग हँसी उडावे । हास्त-वि० [सं०] हाथ का बना हुआ । हस्तनिर्मित । हास्योत्पादक-वि० [स०] जिससे लोगो को हँसी आवे। उपहास के योग्य । हास्य उत्पन्न करनेवाला । हास्तमुकुल- सज्ञा पुं० [सं०] अजलि (को०] । हास्योद्दीपक-वि० [स० हास्य + उद्दीपन] हास्य उत्पन्न करनेवाला। हास्तिक'-वि० हाथी का या हाथी से सबधित (को०] । हास्यकर । उ०-उसके साथी अपनी हास्योद्दीपक उक्तियो यो०-हास्तिकदत= हाथी का दाँत । हाथीदांत । और प्रत्युपन्न मति के लिये प्रसिद्ध थे ।-अकबरी, पृ० २३ । हास्तिक'-सज्ञा पुं० १ पीलवान । महावत । २ हाथी का सवार । हा हत--अव्य० [स० हा हन्त] अत्यत शोकसूचक शब्द । ३ हाथियो का गिरोह, झुड या समूह (को॰] । हाहल-सज्ञा पुं॰ [सं०] प्राणघातक विष (को०] हास्तिदत-वि० [सं० हास्तिदन्त] हाथीदांत से निर्मित । हाथीदांत हाहव--सज्ञा पुं॰ [सं०] एक नरक का नाम (को॰] । का बना हुआ (को०] । हाहस-सज्ञा पुं० [सं०] एक गधर्व का नाम [को०) । हास्तिन-वि० [स०] १ हाथी जितना गहरा । जैसे,--पानी । २ हा हा–समा पुं० [अनु॰] १ हंसने का शब्द । वह आवाज जो जोर हाथी का अथवा हाथी से सबधित [को०] । से हँसने पर आदमी के मुंह से निकलती है। आदि। निष्कर्ष । 1