पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१९८

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1 हिजली वदाम ५५१० हितकर्ता घडियां बढ जाती हैं । अत विक्रम संवत् या ईसवी सन् से हिटकना --क्रि० स० [हिं०] दे० 'हटकना' । हिजरी सन् का कोई निश्चित अतर नहीं रहता, जिससे दिए हिडव-सया पुं० [१] [स्त्री० हिटवी] भैस । (डिं०) हुए हिजरी सन् मे कोई निश्चित सख्या जोडकर ईसवी सन् या हिडिव--समग पुं० [सं० हिडिम्ब] एक राक्षस का नाम जिमे भीम ने विक्रम निकाल लें। इसके लिये गणित करना पडता है। पाडवो के वनवास के समय माग था। हिजली वदाम-सज्ञा पु० [हिजली ? + हिं० वादाम] काटू नामक यो०-हिडिंबजित्, हिडिवनिपूदन, हिटियभिद्, हिटिंवरिपु = वृक्ष के फल जो प्राय बादाम के समान होते हैं और जिनसे एक हिडिव राक्षस को मारनेवाले, भीम । प्रकार का तेल निकलता है जो प्राय बादाम के तेल के समान होता है। यह फल भूनकर खाया जाता है और इसका मुरब्बा हिडिवा-सया स्त्री० [म० हिडिम्बा] १ हिडिंब राक्षम की बहिन जो पाडवो के वनवास के समय भीम को देखकर मोहित हो गई भी पडता है । विशेप दे० 'काटू' । थी और जिसके साथ, हिडिव को मार चुकने पर, भीम ने हिज हाइनेस-सञ्ज्ञा पु० [अ०] [स्त्री॰ हर हाइनेस] राजा महाराजानो के विवाह किया था। इस विवाह मे भीम को घटोत्कच नामक नाम के आगे लगनेवाली गौरवसूचक उपाधि । जैसे,--हिज पुत्र उत्पन्न हुआ था । २ हनुमान की स्त्री (को०)। हाइनेस महाराज सर सयाजी राव गायकवाड । यो०--हिडिवापति, हिटिंवारमण = (१) भीममेन ।(२)हनुमान । हिज होलीनेस-सज्ञा पुं० [अ०] पोप तथा ईसाई मत के प्रधान हिडोर-सज्ञा पुं० [हिं०] दे० 'हिंडोला'। प्राचार्यों के नाम के आगे लगनेवाली उपाधि । विशेष-भारत मे भी लोग धर्माचार्यों के नाम के आगे यह उपाधि हिडोल, हिडोला@--सज्ञा पुं० [हिं०] दे० 'हिडोला' । उ०--मुदित मनोभव खेल हिडोल।--विद्यापति, पृ० ३४० । लगाने लग गए हैं । जैसे,—हिज होलीनेस स्वामी शकराचार्य । हिजा-सज्ञा स्त्री० [अ०] १ निंदा । अपकीर्ति । अपवाद । २ मात्रामो - हित'-वि० [सं०] १ लाभदायक । उपकारी । फायदेमद । २ अनु- के साथ अक्षरो का स्पष्ट उच्चारण [को०] । कूल । मुवाफिक । ३ अच्छा व्यवहार करनेवाला । भलाई करने या चाहनेवाला। सद्भाव रखनेवाला । स्नेहपूर्ण । खैरखाह। उ०- हिजाज-सञ्ज्ञा पुं० [अ० हिजाज] १ अरव के एक भाग का नाम मिली मातु, हित, मीत, गुरु सनमाने सब लोगु । तुलसी जिसमे मक्का और मदीना नामक नगर है। २ फारसी सगीत ग्र०, पृ० ६१ । ३ रखा हुआ । व्यवस्थित (को०)। ४ लिया के १२ मुकामो मे से एक का नाम । हुप्रा । गृहीत । ५ जिसे प्रेरित किया गया हो। ६ भेजा हुआ। हिजाव-सचा पुं० [अ०] १ प्राड । अोट । परदा । २ शर्म । हया । प्रेपित (को०) । ७ गया हुआ । ८ मागलिक । शुभद (को०)। लज्जा । ३ झिझक । सकोच । हित'-सज्ञा पुं० १ लाभ । फायदा। २ कल्याण । मगल । भलाई। मुहा०-हिजाब उठना = पर्दा हटना । शर्म न रह जाना । उपकार । बेहतरी। उ०-राम विमुख सुत तें हित हानी ।- हिजावत--सञ्ज्ञा स्त्री० [अ०] ड्योढीदार या द्वारपाल का काम । तुलसी (शब्द॰) । दरवानी (को०)। क्रि० प्र०—करना।—होना । हिज्ज'-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] दे० 'हिज्जल' । यौ०-हितकर । हितकारी । हिज्ज-सज्ञा पुं॰ [फा० होज] १ दे० 'हीजडा'। २ आलस्य । ३ अनुकूलता । मुवाफिकत । ४ स्वास्थ्य के लिये लाभ । तदुरुस्ती सुस्ती । विलब। को फायदा । ५ प्रेम । स्नेह । अनुराग । उ०---हित करि हिज्जल-सज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का पेड । श्याम सो कह पायो ?--सूर (शब्द॰) । ६ मिनता। खैरखाही। हिज्जे-सञ्ज्ञा पु० [अ० हिज्जह] किसी शब्द मे आए हुए अक्षरो को भला चाहनेवाला आदमी । मिन्न । ८ सवध । नाता । अलग अलग माना सहित कहना । रिपता 16 उचित, उपयुक्त या योग्य वस्तु । १० सबधी। नातेदार रिश्तेदार। क्रि० प्र० करना। मुहा०—हिज्जे निकालना = (१) टुकडे टकडे करना। (२) हित-अव्य० १ (किसी के) लाभ के हेतु । खातिर । प्रसन्नता के अपत्ति करना। हिज्जे पकडना = अशुद्धि पकडना। गलती लिये। २ निमित्त हेतु । कारण । लिये। वास्ते । उ०-हरि निकालना। हित हरहु चाप गरुवाई।—तुलसी (शब्द॰) । हिज्र-सञ्ज्ञा पुं० [अ०] जुदाई । वियोग । विछोह । उ०--प्रावरू हिव हितक-संज्ञा पुं० [सं०] १ शिशु । वच्चा । वालक । २ किसी जानवर वीच मरता था । मुख दिखाकर उसे जिलाया गया।-कविता को०, भा० ४, पृ० ११३ हितकर-वि० [सं०] १. भलाई करनेवाला। उपकार या कल्याण यौ०-हिज्रनसीव = जिसकी किस्मत मे प्रिय से वियोग ही करनेवाला । २ लाभ पहुंचानेवाला । उपयोगी । फायदेमद । वियोग हो। ३ शरीर को आराम या आरोग्यता देनेवाला । स्वास्थ्यकर। हिजी 1-सक्षा सी० [अ०] दे० 'हिजरी । हितकर्ता'-सञ्ज्ञा पुं० [सं० हितकर्तृ] भलाई करनेवाला व्यक्ति । ७ का बच्चा।