पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/२२३

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५५३५ हुमायूं हुदहुद--सञ्ज्ञा पुं० [अ०] एक चिडिया जो हिंदुस्तान और वरमा में हुव्व-~-सज्ञा पुं० [अ०] दे॰ 'हृय' । प्राय मव जगह पाई जाती है । इसकी छाती और गरदन खैरे हुब्बुलवतन-मा पु० [अ०] स्वदेशप्रेम । देशप्रेम (को०) । रग की तथा चोटी घोर डैने काले और सफेद होते है । इसकी हुब्बुलवतनी-सन्ना स्त्री० [अ० हुन्बुलवतन] देशभक्ति। स्वदेशप्रेम । चोच एक अगुल लवी होती है । उ०--पाम हुदहुद के अव्व्ल उ०--परम साहसी वर प्रहारी रास विहारी की, जो पब भी पाया नजदीक । याद कर फिरदोश को रोया अदीक ।- ऐमा सुनने में आता है, अन्य देश मे, छद्म वेप मे घूम घूमकर दक्खिनी०, पृ० १७६ । अलख जगाता है हुन्छ नवतनो का ।-यगान०, पृ० १५ । हुदारना-फ्रि ० स० [देश॰] रस्सी पर लटकाना। टाँगना । (लश०)। हुब्बेवतन-सज्ञा पुं० [अ०] देशप्रेम [को॰] । हुदूद-संहा प्री० [अ०] 'हद' का बहुवचन । सीमाएँ [को०] । हुमक@--सशा जी० [हि० उमग] उमग । उत्माह । मोज । उ०- हुद्दा --संशा स्त्री० [देश॰] एक प्रकार की मछली । हकत हय न हुमक बक तकि नवल तमकत ।-पद्माकर ग्र०, हुद्दा-सञ्ज्ञा पुं० [अ० पोहदा] प्रोहदा । पद । २७८ । हुन-सज्ञा पु० [स० हूण, हून ( = सोने का एक सिक्का)] १ मोहर। हुमकना--क्रि० अ० [हिं० उमग + ना] उत्साह्युका होना। उमग अशरफी। स्वर्णमुद्रा । २ सोना । सुवर्ण । या जोश से भर जाना । उ०-महासान हस्फान के है हमकै । मुहा०--हुन बरसना = धन की बहुत अधिकता होना। उ०--हुन मनो पौन के गौन की लेत ह ।-पद्माकर ग्र०, पृ० २८० । वरसता था, अमन था, चैन था । था फला फूला निराला राज हुमकना-क्रि० प्र० [अनु० हु (प्रयत्न का शब्द)] १ उछलना कूदना । भी। वह समाँ हम हिंदुओ के ओज का । आँस मे है घूम जाता २ जमे हुए पैर से ठेलना या धक्का पहुँचाना । पैरो से जोर अाज भी ।--चुभते०, पृ० २० । हुन वरसाना = बहुत अधिक लगाना । ३ पैरो को ग्राघात के लिये जोर से उठाना । धन लुटाना । उ०--बेगम साहब की नजर इनायत हो जाएगी कसकर पैर तानना । उ०--हुमकि लात कूबर पर मारा |-- तो हुन वरसा देंगी।--फिसाना०, भा०३, पृ० ३५। तुलसी (शब्द॰) । ४ चलने का प्रयत्न करना । चलने के लिये हुनना-क्रि० स० [सं० हु, हुन् + हि० ना (प्रत्य॰)] १ अग्नि मे जोर लगाकर पैर रखना । ठुमकना । (बच्चो का)। ५ दबाने डालना । पाहुति देना । २ यज्ञ करना । हवन करना । उ०-- खीचने या इसी प्रकार का और कोई काम करने के लिये जोर सूर कवन रावन सरिस स्वकर काटि जेहि सीस । हुने अनल अति लगाना । उ०--मारेसि सांग पेट महं धंसी । काढेसि हुमकि हरख बहु वार साखि गौरीस।-मानस , ६।२८ । आँति भुंई खसी ।--जायसी (शब्द०) । हुनर-सहा पुं० [फा०] १. कारीगरी। कला। फन । २ गुण। हमगना-क्रि० अ० [अनु० हुँ] दे॰ 'हुमकना' । करतब । खूवी । ३ कोणल । युक्ति । चतुराई। ४ विद्या। हुमचना-क्रि० अ० [अनु॰] किसी चीज पर चढकर उसे दवाने के लिये इल्म (को०)। ५ दस्तकारी। शिल्प (को०) । जोर लगाना या उसपर वार वार उछलना कूदना। दे० 'हुमकना' । हुनरमद--वि० [फा०] हुनर जाननेवाला । कलाकुशल । निपुण । उ०-उनकी पीठ पर हुमच रह है |--गोदान , पृ० १३२ । हुनरमदी-भशा स्त्री॰ [फा०] हुनरमद होने की क्रिया या भाव । कला- हुमडना-क्रि० अ० [हि० उमडना] किमी द्रव पदार्थ का उमडकर कुशलता। निपुणता । वहना या ऊपर उठकर फैल जाना । हुनरा-वि० [फा० हुनर] वह बदर या भाल जो नाचना और खेल दिखाना सीख गया हो । (कलदर) । हुमसना-कि० अ० [अनु॰] उल्लसित होना । उत्साह से भर जाना। उमसना । उ०-इतर जनो मे भी प्राचीन भावना थी । अगर हुनिया-मझा स्त्री॰ [देश॰] भेडो की एक जाति जिसका ऊन अच्छा कही अंग्रेजी राज के कारण हुममते थे तो उनका हाथ पकड- होता हे । कर रास्ते पर ले चलनेवाला न था ।-काले०, पृ० ६१ । हुन्न-सज्ञा पुं० [स० हूण] दे० 'हुन' । हुमसाना-क्रि० स० [अनु॰] १ किमी के मन मे कोई इच्छा या विचार हुन्नर-सज्ञा पुं० [फा० हुनर] दे० 'हुनर' । उ०--अजन कीया नैन मैं उत्तेजित करना।२ किसी को उल्लमित या उत्यापित करना। सवही रापै मोहि । सुदर हुन्नर बहुत हैं कोई न जाने तोहि । -सुदर० ग्र०, भा० २, पृ०७६७ । हुमसावना-क्रि० स० [अनु॰] दे० 'हुमसाना' । हुन्ना-सज्ञा पुं० [स० हूण] दे॰ 'हुन'। हुमा-सप्ला स्त्री॰ [फा०] उर्दू और फारसी साहित्य मे एक कल्पित पती हुव--सज्ञा पुं० [अ०] १ अनुराग । प्रेम । २ श्रद्धा । ३ हौसला । जिसके सवध मे प्रसिद्ध है कि वह हड्डियां ही खाता है और जिसके उमग । उत्साह । ऊपर उसकी छाया पड जाय वह वादशाह हो जाता है। 30-- हुवाव-सशा पं० [अ०] १ पानी का बुलबुला। बुबुद। उ-दौलत आपके कबूतर किमसे कम है वल्लाह, कबूतर नही परीजाद हैं, का जौक ऐसे ज्यो आव का हुवाव।-चरण० बानी, पृ० ११४ । खिलौने हैं, तस्वीर है, हुमा पर साया पड़े तो उसे शहवाज २ हाथ मे पहना जानेवाला एक आभूषण। ३ शीशे के गोले वना दें।-भारतेंदु ग्र०, मा०३, पृ०८१४ । जो मकानो की सजावट मे लगाए जाते हैं अथवा जिनसे लडके हुमाई-वि० [फा० हुमा + ई (प्रत्य॰)] हुमा पक्षी मवधी । हुमायूं'---वि० [फा०] शुभ । मगलमय [को०] । खेलते है।