पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/२४६

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हैदर अली '--अन्य० ५५५० हैरण्यवत हैदर अली-सक्षा पुं० [अ०] दक्षिण भारत का एक शासक जो टीपू हैमना:--सपा पुं० १ पूग का महीना। २ गाठी धान । सुलतान का पिता था। हैममुद्रा--सहा स्त्री० [सं०] सोने का सिक्का । स्वर्ण मुद्रा किोला । हैन-मचा स्त्री॰ [ देश० ] एक प्रकार की घाम । तकडी । हैममुद्रिका T--सपा प्री० [सं०] १ मोने का गिमा । २ बगा निर्मित [अ० हफ ] खेद या शोकसूचक शब्द । अफसोस । अंगूठी [को०] । हाय । हा। हैमल--म --महा पुं० [ म० ] हेमन अनु [को । हैफ ----सज्ञा पुं० शोक । चिंता । खेद । अफसोस । उ०--हरी हरी हैमवत' -वि० [सं०] [वि० सी० माती] १ हिमालय मा । हिमालय रंग देखि कै भूलत है मन है । नीम पतौवन मे मिल सबधी । २ हिमालय पर होनेवाला। हिमालय मे उत्पन्न । कहूँ माँग को कैफ। -स० सप्तक, पृ० २२३ । ३ हिम या फ से युक्त । वर्फीना। हिम ने भग हुना। हेवन--सशा स्त्री० [अ०] १ भय । त्रास । दहशत । उ०—किया उस हैमवत'--मश पुं० १ वह जो हिमा नय पर रहता हो । हिमाता का उपर यक जलाली नजर । जो हैवत सूं पानी हुया सरबमर । निवासी। २ एक प्रकार का विप । ३ एक राक्षम का नाम । --दक्खिनी०, "० ११७ । २ अातक । धाक । रोव (को॰) । ४ एक मप्रदाय का नाम । योट्टो या एक भेद । ५ मुत्ता। ३ एकवाल । प्रताप । मोती। ६ पुराणानुसार पृथ्वी के एक वर्ष या पड का नाम । हैवतजदा--'व० [अ० हैबत + फा० जदह, ] डरा हुअा। वस्त । मय- भारतवर्ष । भीत (को०] । हैमवतिक--मश पुं० [सं०] वे लोग जो हिमालय पर्वत पर रहते हैबतनाक-वि० [अ० ] भयानक । डरावना । हो । हिमालय पर्वत के निवामीजन (को०) । हैबर-सज्ञा पु० [सं० हयवर ] अच्छा घोडा। उ०-हैवर हरट्ट हैमवती 1-सी० [सं०] १ उमा। पावती । २ गगा। ३ साजि गैबर गरट्ट सवै, पैदर के ठट्ट फौज जुरी तुरकाने की। सफेद फूल की वच । ८ हरीतकी। हह । ५ अनमी। -भूषण ग्र०, पृ० १०७ । अतसी। तोसी। ६ रेणु का नामक गधद्रव्य । ७ स्वणक्षीरी । हैमत'-वि० [सं० हैमन्त ] १ हेमत सवधी । २ जो हेमत ऋतु के सत्यानासी (को०) । ८ कौशिक ऋपि को भार्या का नाम । उपयुक्त हो। हेमत ऋतु के उपयुक्त । ३ शीत ऋतु में ६ एक प्रकार का अगूर । कपिल वर्ण की द्राक्षा [को०] । होनेवाला [को०] । हैमा'-सशा नी० [सं०] १ सोनजुही । २ जदंचमेली। हैमत २--सञ्ज्ञा पुं० हेमत ऋतु (को०] । हैमा-सा पु० [अ० ] विना पानी का उगल । बियावान किो०] । हैमतिक'--सज्ञा पुं० [सं० हैमन्तिक] हेमत ऋतु मे होनेवाला धान । हैमी'--वि० स्त्री० [सं० ] सोने की। मोने की बनी हुई। शालिधान्य । विशेष दे० 'जडहन', 'शालि' तथा 'शालिधान' । हैमीर--सशा सी० १ केतकी । २ सोनजुही। हैमतिक:--नि० १ हेमत सवधी। शीतल । ठढा । २ हेमत ऋतु हैयगवीन-सा पुं० [सं० हैयद्भवीन ] १ एक दिन पहले के दूध के मे जात या उत्पन्न (को०] । मक्खन से बनाया हुआ घो। ताजे मक्खन का घी। २ एक दिन हैमँत-सहा जी० [सं० हय + मत्त] मतवाला घोडा । मत्त अश्व । पूर्व के दूध का बनाया हुआ मक्खन । ताजा मपयन (को०)। उ०-जुध सूर धीर हैमंत जिसा, बोल सही मत बक्कियो। हैया'-समा पुं० [ अनुध्व०] २० 'होया' । ऊप. वहै नह ऊगता, पालमसाह अटक्कियो।--रा० रू० हैया--सचा पु० [अ० हैयह ] अहि । सर्प । सांप [को०],! पृ० १५७ । हैरम्ब] १ गणेश सवधी। २ गणेश का । १-वि० [स०] [वि॰ स्त्री० हैमी] १ सोने का । स्वर्णमय । सोने हैरव'-वि० [ का बना हुआ । २ सुनहरे रग का । हैरव--सज्ञा पुं० गणेश का उपासक सप्रदाय । गाणपत्य । यौ०--हैममुद्रा। हैममुद्रिका । हैरण्य-वि० [सं०] १ हिरण्य सवधी । २ सोने का बना हुआ । सोने हैम-सज्ञा पुं० १ शिव का एक नाम । २ चिरायता। का। ३ स्वर्ण वहन करनेवाला या सोना उत्पन्न करनेवाला। ४ सोना देनेवाला । स्वर्ण प्रदान करनेवाला । हैम--वि० [ स०] हिम सबधी। पाले का। वर्फ का। २ जाड़े का। जाडे मे होनेवाला । ३ बर्फ मे होनेवाला । यो०-हैरण्यवास। हैम --सञ्ज्ञा पुं० १ तुपार । पाला । २ अोस । हरण्यक -सज्ञा पुं॰ [स०] १ स्वर्णनिधि का निरीक्षण करनेवाला हैमन --सझा पुं० [ स०] १ अगहन का महीना। मार्गशीर्ष मास । अधिकारी। २ सोनार । स्वर्णकार । ३ एक भूखड या वपं का २ हेमत ऋतु । शीत ऋतु । ३ अगहनी धान [को॰] । नाम (को०)। हैमन -वि० १ स्वर्णनिर्मित । २ शीत ऋतु सवधी। शीत हरण्यगर्भ-वि० [सं०] जो हिरण्यगर्भ सबधी हो [को०] । काल मे होनेवाला । ४ हेमत ऋतु के उपयुक्त (को०] । हैरण्यवत-सभा पुं० [स०] जैनो के अनुसार जवू द्वीप के छठे खड का हैमना--वि० [स०] जाडे का । शीतकाल का। । 50 नाम ।