पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/२५७

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२ ह्रादिनी ह्रीकु ह्लादिनी -सज्ञा स्त्री० [सं०] १ नदी । २ वाल्मीकि रामायण के अनु- ह्रीनिषेव--वि० [ स० ] विनम्र । विनयी (को॰] । सार एक नदी का नाम जिसे 'ह्रादिनी' और 'दूरपारा' भी ह्रीपद---सज्ञा पुं० [ स० ] लज्जा या ब्रीडा का कारण [को०] । कहते थे। ३ शल्लकी वृक्ष । सलई का पेड (को०)। ४ ह्रीवल-वि० [सं०] अत्यत विनयी [को०] । विजली। वज्र। ह्रीभय -- सज्ञा पुं० [ मं० ] लज्जा का भय । लाज का डर (को॰) । हादी-वि० [स० ह्रादिन् ] [वि॰ स्त्री० ह्रादिनी] शब्द करनेवाला । ह्रीमान्'-- वि० [सं० ह्रीमत् ] [वि० सी० ह्रीमती ] लज्जाशील । गर्जन करनेवाला। हयादार । शर्मनार। ह्रादुनि, ह्रादुनी--सज्ञा पुं० [स०] एक नरक का नाम [को॰ । ह्रीमान्-सज्ञा पुं० विश्वेदेवा मे से एक । ह्रास-सज्ञा पुं॰ [ स०] १ पहले से छोटा या कम हो जाने की ह्रीमूढ-वि० [ स० ह्रीमूढ ] लज्जा से घबराया हुआ । लज्जा के क्रिया या भाव । कमी। घटती। घटाव । छीज । क्षीणता । कारण निश्चेप्ट । लाज से दवा हुआ। अवनति । २ शक्ति, वैभव, गुण आदि की कमी । ३ छोटी सख्या (को०)। ४ ध्वनि | आवाज । ह्रीयत्रणा--सन्ना प्रो० [ स० ह्रीयन्त्रणा] लाज की पीडा (को०' । ह्रीवेर -सज्ञा पुं॰ [स०] सुगधबाला । ह्रासक--वि० [स०] ह्रास करनेवाला (को०] । ह्रासन-सज्ञा पुं० [ स०] १ क्षय करना । क्षीण करना। २ कम ह्रीवेल, ह्रीवेलक-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] सुगधवाला । ह्रीवेर । करना । घटाना। ३ आठ दिग्गजो मे से एक का नाम [को०] । हेपण--सज्ञा पुं॰ [म०] १ किसी को लज्जित करना। अतिक्रात या ह्रासनीय-वि० [स० ] कम करने योग्य । घटाने लायक [को०] । अतिशर्मित करना। २ व्याकुलता । व्यग्रता । सभ्रम [को०) । अतिक्रमित । हिणिया, हिणीया-सद्या स्त्री० [स०] दे० 'हृणिया', 'हणिया' ह्रपित--वि. [ स०] १ लज्जित । शरमिंदा। अतिक्रात [को०] । [को०] । ह्नित'-वि० [म०] १ शर्मिदा । लज्जित । २ ले आया हुआ । लाया ह्रषा-सज्ञा स्त्री॰ [ स० ] घोडे की हिनहिनाहट (को०] । हुआ। नीत । ३ अपहरण किया हुअा। छीना हुअा । दे० ह्रषित --वि० [सं०] हिनहिनाया हुआ (घोडा) या जो होस रहा 'हृत' । विभक्त । विभाजित । अलग किया हुआ । [को०] । हो [को॰] । हित--सक्षा पुं० विभाग । अश । ह्रषित:- २--सज्ञा पुं० हिनहिनाहट । ही सने की क्रिया (को॰] । --सञ्ज्ञा स्त्री० [सं०] हरण । हृति [को०] । ह्रषी-वि० [सं० हेषिन् ] ही सने या हिनहिनानेवाला (को॰] । ह्री-सञ्ज्ञा पुं० [ ] बीजमंत्र । ह्रषुक--सज्ञा पुं॰ [ स०] एक प्रकार की कुदाल (को०] । 1-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं०] १ लज्जा। व्रीडा । शर्म। हया। सकोच । हृत्ति--सज्ञा स्त्री॰ [ सं० ] आह्लाद । खुशी । प्रसन्नता [को॰] । २ लज्जायुक्त होने का भाव । शर्मिदगी (को०) । ३ दक्ष लन्न-वि० [ स०] आनदित । खुश । प्रसन्न (को०] । प्रजापति की कन्या जो धर्म की पत्नी मानी जाती है । ह्लाद--सज्ञा पु० [स०] १ आनद । खुशी। प्रफुल्लता। २ नवता। ४ जैनो के अनुसार महामद्म नामक सरोवर की देवी ताजगी (को०) । ३ हिरण्यकशिपु के एक पुत्र का नाम । ह्लादक--सञ्ज्ञा पुं० [स०] दे० 'ह्लाद' । ह्रीक-सज्ञा पुं० [ स०] १ पिता । जनक । २ नेवला । ह्लादन'--सज्ञा पु० [स०] [वि॰ ह्लादनीय, ह्लादित] प्रानदित करना। ह्रीका--सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ लज्जा । लज्जाशीलता । हया । २ भय । डर। भीरुता (को०)। ह्लादन'--वि० आनदित । खुश । प्रसन्न (को०] । ह्रीकु'–वि० [ म०] १ लजीला । लज्जाशील । शर्मीला । २ भय- ह्लादिको 1-सज्ञा स्त्री० [स०] दे॰ 'हलाद' । भीत । भीर (को०] । ह्लादित--वि० [सं०] अानदित [को॰] । ह्रीकु 2-सज्ञा पुं० १ विल्ली। २ लाख । ३ रांगा । ह्लादिनी'-वि० सी० [स०] अानदित करनेवाली। ह्रीजित--वि० [ स० ] अत्यत लजीला । अत्यत लज्जाशील (को०] । ह्लादिनी-सञ्ज्ञा स्त्रो० १ विजली। वज्र । २ धूप का पौधा । ३ एक ह्रीण-वि० [म० ] लज्जित । शरमिदा । जैसे,-ह्रीणमुख । शक्ति या देवी का नाम। ४ एक नदी का नाम । दे० ह्रीत-वि० [ स०] लज्जित । लजाया हुआ । जैसे,-ह्रीतमुख । 'ह्रादिनी'। ह्रीति --सज्ञा स्त्री० [सं०] लज्जा । शर्म । हया । सकोच । ह्लादी-वि० [सं० ह्लादिन् ] १ आनदयुक्त । प्रानदी। २ प्रसन्न व--सज्ञा पुं॰ [सं०] वौद्धो के एक देवता [को॰] । करनेवाला । ३ निनाद करनेवाला [को०] । ह्रीधारी-वि० [सं० ह्रीधारिन्] [ वि० सी० ह्रीधारिणी ] लजीला। ह्लीका-सज्ञा स्त्री० [सं० ] लज्जा। शर्म । सकोची [को०] । ह्लीकु'-- 1--वि० [सं.] १ लज्जाशील । २ भयभीत । भयाल । ह्रीनिरास--संक्षा पुं० [स०] निर्लज्जता । वेहयापन (को०] । ह्लीकु२ २--सज्ञा पुं० दे० 'हीकु'२ (को०] । हिति- स० का नाम। 1 खुश करना। ह्रीदेव-