पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/२५८

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हेपा ५५७. ह्वेल लेपा- [t० ] ३० 'हेपा' [को०] । जाने के समय प्रत्येक दल के सदस्यो की गणना करना, अपने ह:-प्रत्य० [हि वहां + ही ] दे० 'वही' । उ०-जहां भूप दल के सदस्यो से मिलते जुलते रहना और किसी विषय पर जाना . मरत, तिनो हाड हुई जा गिरते।-चरण, उनका क्या निश्चित मत है, यह अपने दल के नेता को विदित वरना, जिसमे वह निश्चय कर सके कि कहाँ तक हमे इस पलन--मा० [सं०] इधर उधर नाना या गिरना पडना। विषय मे अपने दल का सहारा मिलेगा। साराश यह कि ह्विप का काम दल के स्वार्थ या हित को देखना है। लडगटाना । यहाना। २ चावुक । ३ सारथी। कोचयान । हला-मयानी [४०] विषयगामी होने की स्थिति । पथभ्रष्टता। विमागंगामिता (20)। ह्विस्की--समा स्त्री० [अ०] एक प्रकार की अंगरेजी शराव । हां - प्रत्य पनि० वहाँ] ३० 'वहाँ । उ०-ना इतते कोउ जाय न ह्वेल -सज्ञा पुं० [अ०] एक बहुत बड़ा समुद्री जतु जो आज कल पाए दातें प्राबई। सुदर निरहिनि दुखन रैनि विहावई ।-मुदर० जानेवाले पृथ्वी पर के सब जीवो से वडा होता है । ग्र०, भा० १, पृ०३६४ । विशेष--ह्वेल ८० या १० फुट तक लवे होते हैं। इसकी खाल के हा-सा सी० [मं०] १ जिहा । २ तरुणी । ३ सरिता। नदी [को॰] । नीचे चरबी को एक बडी मोटी तह होती है। आगे की ओर विणेप -- मीमति 'द्वयक्षर' नाममाला मे ये अथ प्राप्त होते हैं । दो पर होते हैं, जिनसे यह पानी ठेलता और अपनी रक्षा करता है। किसी किसी जाति के ह्वेल की दुम के पास भी एक पर हा-सपा पु० अभिधान । नाम । पाख्या । ग्राहा। सा होता है । पूंछ के बल ये जतु पानी के बाहर कूदकर पाते हातव्य 1- वि० [5०] १ जिसे पुकारा जाय। जो पुकारा जाय । २ हैं। मछली के समान ह्वेल अडज जीव नही है, पिंडज है । मादा पुपारने पाला [को०] । बच्चे देती है और अपने दो थनो से दूध पिलाती है। बहुत ह्वान--सा पु० [HOJ१ बुनाना । पुकारना । २ चिल्लाहट । शोर छोटे छोटे कान भी ब्रैल को होते है। यह जतु छोटी छोटी गत । ३ युद्ध के ग्राहान । युद्धाहान । ललकार [को०] । मछलियां खाकर रहता है। यह बहुत देर तक पानी मे डवा बायक--वि० [i] पुवारनेवाला । प्राह्वान करनेवाला [को०] । नही रह सकता । फेफडे या गलफडे के अतिरिक्त दो छेद हायि-वि० [सं० हायिन्] १ पुकारनेवाला । बुलानेवाला । २ युद्धार्थ इसके सिर में होते हैं जिनसे यह सांस भी लेता है और पानी माहान मरनेवाला । लकारनेवाला [को०] । का फुहारा/भी छोडता है । इसकी आँखें बहुत छोटी होती हैं । हार्य -सहा पुं० [म.] १ सर्प । सांप । २ अश्व । घोडा [को०] । पृथ्वी के उत्तरी भाग के समुद्रो मे ह्वेल बहुत पाए जाते है और उनका शिकार होता है। ह्वेल की हड्डियो से हाथीदांत हाल -सरा पुं० [अ० हाल] दशा । अवस्था। दे० 'हवाल' । की तरह अनेक प्रकार के सामान बनते हैं। इसकी अंतडियो में उ.--वाचन माय चगा माल । नाई विना मुंडो ह्वाल । एक प्रकार का सुगधित द्रव्य जमा हुआ मिलता है जो 'अवर' -~-राम०, धर्म०, पृ० १६६ । के नाम से प्रसिद्ध है और जो भारतवर्ष, अफ्रिका और हिप-सज्ञा पुं० [अ०] १ पार्लमेट या व्यवस्थापिका सभा का वह दक्षिण अमेरिया के समुद्रतट पर बहता हुप्रा पाया जाता है । मदम्य जो अपनी पार्टी या दल के सदस्या को किसी महत्व के प्राणिविज्ञानवेत्तानो का कहना है कि ह्वेल पूर्व कल्प मे स्थलचारी प्रश्न पर वोट या मत लिए जाने के समय सभा मे अधिकाधिक जतु था और पानी के किनारे दलदलो मे रहा करता था। मस्या में उपग्थिन करता है। दनदूत । जैसे,—इस बार क्रमश पृथ्वी पर ऐसी अवस्था पाती गई जिससे उसका जमीन परिषद् पे मगजी दल के हिप के उद्योग से दल के समस्त सदस्य पर रहना कठिन होता गया भौर स्थितिपरिवर्तन के अनुसार १२ ता० को अधिवेशन में उपस्थित हुए थे।-(शब्द०)। इसके अवयवो मे फेरफार होता गया, यहाँ तक कि लाखो वर्ष विशेष-विप का काम है, अपने दल के प्रत्येक सदस्य को मूचित अनतर ढेलो मे जल मे रहने के उपयुक्त अवयवो का विधान परना दि अमुस समय पर प्रमुक महत्व के विषय पर वोट या हो गया, जैसे, उनके अगले पर मछली के डने के रूप मे हो गए, मत लिए जायेंगे, और हम बात का ध्यान रखना कि वोट लिए यद्यपि उनमे हडियो वे ही बनी रही जो घोडे, गधे आदि के जाने के पहले मभा मेरन का कोई मदस्य बाहर न जाने पावे अगले पैरो मे होती हैं। हमारे यहां के प्राचीन ग्रथो मे 'तिमि- (अर्थात उन सबको गमा में रोक रखना), अपने दल के गिल' नामक एक बडे भारी मत्स्य या जलजतु का उल्लेख मास्यो को दताना कि किन प्रकार वोट देना चाहिए, वोट लिए मिलता है जो सभव है, ह्वेल हो हो ।