पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/३३

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स्त्रीशौड ५३४५ स्थकित स्त्रीशौड-वि० [म० स्त्रीशौण्ड] स्त्री मे आसक्त। स्त्री के पीछे स्त्यनुज-वि० [स०] जो वहन के बाद उत्पन्न हुआ हो । उन्मत्त । औरत के लिये पागल रहनेवाला । कामुक । स्त्र्यभिगमन-मक्षा पु० [म०] १ वलात्कार । २ सभोग। स्त्रीसभोग। स्त्रीसग-मजा पुं० [म० स्त्रीसङ्ग] १ सभोग। मैथुन । प्रमग। स्त्रीप्रसग (को०] । २ स्त्रियो के साथ सबध या सपर्क (को०)। स्त्यर्थ -मज्ञा पुं० [म०] स्त्रीत्व । स्त्रीशक्ति । स्त्रीवल । उ०--यद्यपि स्त्रीसग्रहण-सचा पु० [स० स्त्रीसडग्रहण] किसी स्त्री से बलात् एकबार जी मे पाया कि पत्नी पर अपने बल तथा पुरुपार्थ का प्रयोग करके उसे अपनी आज्ञाकारिणी बनाए रखे परतु जव आलिंगन या सभोग आदि करना। व्यभिचार । स्त्रीसज--वि० [स०] जिसकी सज्ञा या नाम औरतो जैसा हो। उन्होने अपने शरीर को और उसके मुकाविले पत्नी के शरीर को देखा तो उनका यह विचार भी वदल गया। उनकी पत्नी स्त्रीसवध–समा पु० [स० स्त्रीसम्वन्ध] १ स्त्री के साथ विवाह तय का म्यर्थ उनके पुरुषार्थ से अधिक बलवान् निकला।-मां, होना । २ वैवाहिक सवध निश्चित होना। ३ स्त्रियो से नाता, पृ० १८६। सपर्क या सबध (को०] । स्त्याख्या--सज्ञा स्त्री॰ [स०] प्रियगु लता। स्त्रीसभोग-सज्ञा पु० [सं० स्त्रीसम्भोग] मैथुन । प्रसग । स्त्याजीव-सज्ञा पुं० [स०] वह जो अपनी या दूसरी स्त्रियो की स्त्रीससर्ग- मचा पु० [स०] मभोग । मैथुन । प्रसग । वेश्यावृत्ति से अपनी जीविका चलाता हो। औरतो की कमाई स्त्रीसस्थान--वि० [स०] जनाने रूप का। औरत की तरह या खानेवाला। जनानी शक्ल सूरतवाला (को०] । स्थडिल-सज्ञा पुं० [स० स्थण्डिल] १ भूमि । जमीन । २ यज्ञ के स्त्रीसभ-सज्ञा स्त्री० [म.] स्त्रियो की सभा (को०) । लिये साफ की हुई भूमि। चत्वर । ३ सीमा। हद । सिवान । ४ मिट्टी का ढेर । ५ एक प्राचीन ऋपि का नाम । ६ खुली स्त्रीसख--वि० [सं०] सस्नीक । स्त्रीयक्त । हुई साफ भूनि । जैसे, गृह के सामने की भूमि (को०)। ७ सीमा- स्त्रीसमागम-सज्ञा पु० [स०] मैथुन । प्रसग । वोधक चिह्न (को०) । ८ ऊसर भूमि । बजर भूमि (को॰) । स्त्रीसुख-सज्ञा पु० [स०] १ मैथुन । २ सहिजन । शोभाजन । स्थडिलश-वि० [स० स्थण्डिलश] साफ जमीन पर सोनेवाला। विना स्त्रीसेवन-सशा पुं० [१०] सभोग । मैथुन। विस्तर के भूमि पर शयन करनेवाला । स्त्रीसेवा-सच्चा श्री० [सं०] स्त्रियो के प्रति मोह या राग (को०] । स्थडिलशय्या-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स० स्थण्डिलशय्या] (व्रत के कारण) स्त्रीस्वभाव-सञ्ज्ञा पु० [स०] १ खोजा । अत पुर का रक्षक । २ औरतो भूमि या जमीन पर सोना । भूमिशयन । का स्वभाव । स्त्रियो की प्रकृति (को०) । स्थडिलशाथिका--सज्ञा स्त्री० [स० स्थण्डिलशायिका] दे० 'स्थडिल स्त्रीहता-वि० [स० स्त्रीहन्तु] स्त्री की हत्या करनेवाला। शय्या' [को॰] । स्त्रीहरण-सद्या स्त्री० [स०] १ बलपूर्वक किसी स्त्री को भगाना या स्थडिलशायी-सज्ञा पु० [स० स्थण्डिलशायिन्] वह जो व्रत के कारण हरण करना।२ बलात्कार । भूमि या यजस्थल पर सोता हो। स्त्रीहारी-सज्ञा पु० [सं० स्त्रीहारिन्] स्त्रियो को फुसलाने या वहकाने- स्थडिलसवेशन--सञ्ज्ञा पु० [म० स्थण्टिलसवेशन] दे० 'स्थडिल शय्या'। वाला व्यक्ति को०] । स्थडिलसितक--सज्ञा पु० [स० स्थण्डिलसितक] यज्ञ की वेदी। स्त्रण-वि० [स०] १ स्त्री सबधी । स्त्रियो का। २ स्त्री के योग्य या स्थडिलेय--सज्ञा पु० [स० स्थण्डिलेय] महाभारत के अनुसार रौद्राश्व के अनुरूप । ३ स्त्रियो के कहने के अनुसार चलनेवाला । स्त्रियो एक पुत्र का नाम । का वशीभूत । स्त्रीरत। उ०--रहते घर नाथ, तो निरा, कहती स्थडिलेशय--सज्ञा पु० [स० स्थण्डिलेशय] १ दे० 'स्थडिलशायी' । स्त्रण उन्हें यही गिरा।-साकेत, पृ० ३६२ । ४ स्त्रियो के २ एक प्राचीन ऋपि का नाम । प्रति भक्ति या अनुरागयुक्त (को॰) । स्था--प्रत्य० [स०] 'स्था' धातु का एक प्रकार का कृदत रूप जो शब्दो के अत मे लगकर नीचे लिखे अर्थ देता है-(१) स्थित। कायम । स्त्रैण-मज्ञा पु० १ नारीत्व । स्त्रीत्व । २ स्त्रियो की प्रकृति या स्वभाव । स्त्रीस्वभाव । ३ स्त्रियो का समूह। नारीवर्ग । ४ जैसे,—गगातटस्थ भवन। (२) उपस्थित । वर्तमान । विद्यमान । विपयजन्य प्रानद । विपयानद [को०] । मौजूद । जैसे,—उन्हे वहुत से श्लोक कठस्य है। (३) रहनेवाला। निवासी। जैसे,—काशीस्थ पडितो ने यह व्यवस्था दी। (४) स्त्रैणता--सज्ञा स्त्री॰ [स०] १ जनानापन । जनखापन । २ स्त्रियो की लगा हुआ । लीन । रत । जैसे,-वे ध्यानस्थ है। अत्यत इच्छा या लालसा कोग। स्थः-सज्ञा पु० स्थान । जगह किो०] । स्त्रैराजक-सज्ञा पु० [म०] स्त्रीराज्य का निवासी। स्थकर-सशा पु० [स०] दे० 'स्यगर'। स्त्र्यगार-मचा पुं० [स०] स्त्रियो का आगार । अत पुर । जनानखाना। स्थकित-वि० [हिं० थकित] थका हुअा। शिथिल । ढीला। उ०- स्त्र्यध्यक्ष-सञ्ज्ञा पुं० [स०] रानियो की देखभाल करनेवाला । अत पुर जिसने वेनिस की पुलिस के गुप्तचरो और अनुसंधानियो को का प्रधान अधिकारी। स्थकित कर दिया हो ।-- अयोध्या० (शब्द०)।