पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/३८

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स्थानिक ५३५० स्थाम स्थानिक'-सना पु० १ वह जिमपर किसी स्थान की रक्षा का भार (को०)। १४ गर्भाधान नामक एक सस्कार (को०)। १५ रग हो। स्यानरक्षक । २ मदिर का प्रवधक । ३ राजकर वसूल की व्यवस्था करना । व्यवस्थापन । निर्देशन (को०)। करनेवाला एक कर्मचारी। स्थापननिक्षेप-सज्ञा पुं॰ [सं०] अर्हत् की मूर्ति का पूजन । (जैन)। विशेप -जनपद के चौथे भाग की मालगुजारी इनके जिम्मे रहती स्थापनवृत्त-वि० [सं०] जो शक्ति के पुन सचय से अतीत हो गया थी। ये 'समाहती' के अधीन होते थे और इनके अधीन गोप' हो [को०] 1 होते थे। स्थापना-पमा स्त्री॰ [स०] १ प्रतिष्ठिन या स्थित करना । बैठाना । स्थानी-वि० [स० स्यानिन्] १ स्थानयुक्त । पदयुक्त । २ ठहरने थापना । दृढतापूर्वक रखना। २ रखना । जमा कर रखना। वाला । स्थायी। ३ उचित । उपयुक्त । ठीक । ४ जिसका ३ (प्रमाणपूर्वक किसी विषय को) मिद्ध करना। सापित कोई स्थानापन्न हो (को०)। करना । प्रतिपादन । ४ (नाटक मे) व्यवस्थापन । निर्देश । स्थानीय' वि० [सं०] १ उस स्थान या नगर का जिसके सबंध मे स्थापनासत्य-संज्ञा पुं॰ [स०] किसी प्रतिमा या चिन्न प्रादि मे स्वय कोई उल्लेख हो। उल्लिखित वक्ता या लेखक के स्थान का। उस वस्तु या व्यक्ति का आरोप करना जिसकी वह प्रतिमा या मुकामी । स्यानिक । जैसे,—स्थानीय पुलिस कर्मचारी । स्या चित्र हो। जैसे,—पार्श्वनाथ की प्रतिमा को 'पार्दनाय की नीय समाचार । २ जो किसी स्थान पर स्थित हो । प्रतिमा' न कहकर 'पाश्र्वनाय' कहना । (जैन)। स्थानीय - सचा पुं० १ नगर। शहर । कस्वा। २ कौटिल्य के स्थापनिक - वि० [सं०] भाडार मे जमा किया हुप्रा । अनुसार एक प्रकार का गढ जो ८०० गावो के मध्य मे हो। स्थापनी-सा बी० [सं०] पाढ । पाठा । पाठ सौ गाँवो के बीच बना हुअा किला। स्थापनीय-वि० [स०] १ स्थापित करने के योग्य। जो स्थापना स्थानीयता-सज्ञा स्त्री० [सं०] स्थानीयपन । आचलिकता । उ०-भाषा करने के योग्य हो। २ जो रखने अथवा पोषण पालन करने की यह स्थानीयता जायसी की सीमित लोकप्रियता का एक योग्य हो (को०) । ३ शक्तिवर्धक औपयो द्वारा चिकित्सा करने कारण है। ग्राचार्य, पृ० ६८ । योग्य (को०)। स्थानेश्वर--सक्षा पुं० [म०] १ कुरुक्षेत्र का थानेश्वर नामक स्थान स्थापयितव्य-वि० [स०] १ स्थापित करने के योग्य । २ रखने के जो किसी समय एक प्रसिद्ध तीर्थ था। २ दे० 'स्यानाध्यक्ष' । योग्य । ३ जिसपर नियन्त्रण रखा जा सके। नियत्रित करने स्थापक'- वि० [स०] १ रखने या खड़ा करनेवाला । २ कायम के योग्य [को०] । करनेवाला । स्थापनकर्ता । स्थापयिता-वि० [स० स्थापयितु] प्रतिष्ठा या स्थापन करनेवाला । स्थापक-सञ्ज्ञा पु० १ देवप्रतिमा या मूर्ति बनानेवाला । २ मूर्ति स्था- सस्थापक। स्थापक। पित करनेवाला । ३ सूत्रधार का सहकारी। सहकारी रगमचा- स्थापित-वि० [स०] १ जिमकी स्थापना की गई हो। २. कायम ध्यक्ष । (नाटक)। ४ कोई सस्था खोलने या खडी करनेवाला। किया हुआ । प्रतिष्ठित । ३ जो जमा किया गया हो। ४ जो सस्थापक । प्रतिष्ठाता। ५ जो किसी के पास कोई चीज जमा जमा कर रखा गया हो। रक्षित। ५ व्यवस्थित । निर्दिष्ट । करे। अमानत रखनेवाला। ६ निश्चित । ७ ठहरा हुआ । दृढ । मजबूत । ८. जो किसी स्थापत्य-सझा पु० [स] १ स्थपति का कार्य । भवननिर्माण । राज कार्य पर नियुक्त हो (को०)। ६ विवाहित । गीरी । मेमारी। २ वह विद्या जिसमे भवन निर्माण सबंधी स्थापी-सज्ञा पुं० [स० स्थापिन्। १ प्रतिमा निर्माण करनेवाला। सिद्धातो आदि का विवेचन हो। ३ अत पुर का रक्षक। रनि मूर्ति बनानेवाला । २ स्थापना करनेवाला । स्यापक । वास की रखवाली करनेवाला। ४ स्यानरक्षक का पद । स्थाप्य-वि० [स०] १ स्थापित करने के योग्य । जिसकी स्थापना यो०-स्थापत्य कला = भवन आदि निर्माण करने की कला । स्था- की जा सके अथवा जो स्थापित करने के योग्य हो। २. रखे पत्यविद्या - वास्तुशिल्प । दे० 'स्थापत्य-२' । स्थापत्यवेद । जाने या जमा किए जाने योग्य (को०) 1३ जिसे किसी पद पर स्थापत्यवेद-पना पुं० [स०] चार उपवेदो मे से एक जिसमे वास्तुशिल्प रखा जा सके । नियुक्ति योग्य (को०)। ४ जो नियनित किया या भवननिर्माण कला का विषय वर्णित है। कहते हैं, इसे जा सके। नियत्रण योग्य । ५ जो पालन पोपण के लायक हो, विश्वकर्मा ने अथर्ववेद से निकाला था। जैसे,—पशु (को०)। स्थाप्य-सज्ञा पुं० १ देवप्रतिमा। २ धरोहर । अमानत । स्थापन-सज्ञा ० [सं०] १ खडा करना। उठाना। २ रखना। बैठाना। जमाना। ३ नया काम खोलना। नया काम जारी स्थाप्यापहरण-सञ्ज्ञा पु० [स०] अमानत मे खयानत । धरोहर को करना। ४ जकडना । पकडना। ५ (प्रमाणपूर्वक किसी विषय डकार जाना [को०] । को) सिद्ध करना । सावित करना । प्रतिपादन । ६ (शरीर की) स्थप्याहरण-सा पुं॰ [स०] दे० 'स्याप्यापहरण' । रक्षा या आयुवृद्धि का उपाय । ७ (रक्त का स्राव) रोकने का स्थाम--सच्चा पु० [सं० स्थामन्] १ सामर्थ्य । शक्ति। २ घोडे की उपाय । ८ समाधि । ६ पुमवन । १० मकान । घर। आवास । हिनहिनाहट । अश्वघोष ३ स्थान । जगह । मुकाम । ४. ११ अन्न की राशि। १२ निरूपण। १३ पारे की एक क्रिया स्थिरता । स्थायित्व (को॰) ।