पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/८५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

स्वर्गीय । स्वर्गगिरि स्वर्गारोहण वाला। स्वर्ग जानेवाला । २ जो स्वर्ग की ओर गमन कर चुका स्वर्गमदाकिनी-सञ्ज्ञा स्त्री० [स० स्वर्गमन्दाकिनी] स्वर्गगगा । मदाकिनी। हो । मर) हुआ। मृत । स्वर्गीय । स्वर्गमन--सज्ञा पु० [स०] स्वर्ग जाना । स्वर्गगमन । मरना। स्वर्गगिरि--सज्ञा पुं० [स०] स्वर्ग का पर्वत । मेरु पर्वत (को०] । स्वर्गमार्ग-सञ्ज्ञा पुं० [स०] स्वर्ग की राह । स्वर्गपथ [को०] । स्वर्गच्युत-वि० [स०] स्वर्ग से पतित या गिरा हुआ (को०] । स्वर्गयारण'-सज्ञा पु० [स०] स्वर्ग का मार्ग किो०) । स्वर्गजित्--वि० [म०] स्वग को जीतने या आक्रात करनेवाला (को०]। स्वर्गयारण---वि० स्वर्ग जाने या ले जानेवाला [को०] । स्वर्गजित् २-सद्धा पु० एक प्रकार का यज्ञ जिसे करन से स्वर्ग प्राप्त स्वर्गयोनि-सञ्ज्ञा पु० [स०] यज्ञ, दान आदि वे शुभ कर्म जिनके कारण होता है। मनुष्य स्वर्ग जाता है। स्वर्गजीवी--वि० [स० स्वर्गजीविन्] स्वर्ग मे रहनेवाला । स्वर्गस्थ (को०]। स्वर्गलाभ--सज्ञा पु० [स०] स्वर्ग की प्राप्ति । स्वर्ग पहुँचना । मरना। स्वर्गणिका--सज्ञा स्त्री० [स०] स्वर्ग की गणिका । अप्सरा (को०] । स्वर्गलोक-सञ्चा पु० [म०] दे० 'स्वर्ग-१' । स्वर्गत-वि० [स०] जो स्वर्ग चला गया हो। स्वर्गगत । मरा हुआ। स्वर्गलोकेश, स्वर्गलोकेश्वर- सज्ञा पु० [स०] १ स्वर्गलोक के स्वामी, इद्र । २ शरीर । तन । स्वर्गतरगिरणी-सज्ञा स्त्री० [स० स्वर्गतरङ्गिणी] स्वर्ग की नदी। स्वर्गवधू -सज्ञा स्त्री० [सं०] अप्सरा । मदाकिनी। स्वर्णदी। स्वर्गवाणी--सञ्ज्ञा स्त्री० [सं० स्वर्ग + वाणी] आकाशवाणी । उ०- स्वर्गतरु---मज्ञा पुं० [स०] १ कल्पतरु वृक्ष । २. पारिजात । परजाता। वेद वचन ते कन्या भयऊ। वेदन स्वर्गवारिण तो कियऊ।- स्वर्गतर्ष-सज्ञा पुं० [स०] स्वर्ग की तृषा या उत्कट अभिलापा (को०] । सबल (शब्द॰) । स्वर्गति--सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] स्वर्ग की ओर जाने की क्रिया । स्वर्गगमन । स्वर्गवास-सज्ञा पु० [स०] १ स्वर्ग में निवास करना । स्वर्ग मे रहना। २. स्वर्ग को प्रस्थान करना । मरना । जैसे,—परसो उनके स्वर्गद--वि० [सं०] जो स्वर्ग पहुँचाता हो। स्वर्ग देनेवाला । उ०- पिता का स्वर्गवास हो गया। (क) सतगुण, रजगुण, तमोगुण, त्रयविधि के मुनि वाच । स्वर्गवासी--वि० [म० स्वर्गवासिन्] [वि॰ स्त्री० स्वर्गवासिनी] १ स्वर्ग मोक्षद, स्वर्गद, सुखद है, धरिहीं सुखप्रद साँच ।-विश्राम मे रहनेवाला । २. जो मर गया हो। मृत । जैसे,--स्वर्गवासी (शब्द॰) । (ख) स्वर्गद, नर्कद कर्म अनता । साधन सकल कह्यो राजा शिवप्रसाद जी। मतिवता।-रघुराज (शब्द॰) । स्वर्गश्री-मज्ञा स्त्री० [सं०) स्वर्ग का वैभव को। स्वर्गदायक--वि० [स०] दे० 'स्वर्गद' । स्वर्गसक्रम--सचा पु० [स० स्वर्गसङक्रम] स्वर्ग की सीढी (को॰] । स्वर्गद्वार-सज्ञा पुं० [स०] १ स्वर्ग का द्वार या दरवाजा । २ अयोध्या स्वर्गसद-सज्ञा पुं० [स०] देवता [को॰] । मे सरयू तटवर्ती एक तीर्थ का नाम । ३ शिव । स्वर्गसरिद्वरा--सच्चा स्त्री॰ [स०] स्वर्गगा। मदाकिनी [को०] । स्वर्गधाम--सधा पुं० [स० स्वर्गधामन्] स्वर्ग लोक (को०] । स्वर्गसाधन--सञ्ज्ञा पुं० [०] स्वर्गप्राप्ति के उपाय (को०] । स्वर्गधेनु--सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] कामधेनु । स्वर्गसार-सञ्ज्ञा पुं० [स०] संगीत मे चतुर्दश ताल के चौदह भेदो मे स्वर्गनदी-सहा सो• [स० स्वर्ग+ नदो] अाकाशगगा। उ०--पद्म पाद सुनि गुरु आदेशा । स्वर्गनदो महँ कीन्ह प्रवेशा ।-शकर- दिग्वि० (शब्द०)। स्वर्गसुख-पथा पु० [स० स्वर्ग का सुख । स्वर्गीय आनद । स्वर्गस्त्री-मशा खी० [स०] अप्सरा । स्वर्गपति-सज्ञा पु० [स०] इद्र । स्वर्गस्थ-वि० [स०] १ स्वर्ग मे स्थित । स्वर्ग का । २. जो मर गया स्वर्गपथ-सज्ञा पु० [१०] १ स्वर्ग का मार्ग। २ आकाशगगा (को०] । हो । मृत । स्वर्गवासी। स्वर्गपद-सज्ञा पुं० [सं०] १. स्वग । स्वर्गलोक । २ एक तीर्थ (को०] । स्वर्गस्थित-वि० [स०] दे॰ 'स्वर्गस्थ' । स्वर्गपर-वि० [सं०] स्वग की कामनावाला (को०] । स्वर्गा--सज्ञा स्त्री० [सं०] मदाकिनी । स्वर्गगा। स्वर्गपुरी-- 1--सज्ञा ली [१०] इद्र को पुरो, अमरावती । स्वर्गापगा-सज्ञा स्त्री॰ [स०] स्वर्गगा। मदाकिनी । स्वर्गपुष्प--सञ्ज्ञा पुं० [स०] लोग। स्वर्गाभिकाम-वि० [०] स्वर्ग का इच्छुक । स्वर्गकाम (को०] । स्वर्गप्रद-वि० [स०] जिससे स्वर्ग प्राप्त हो । स्वर्गद (को०] । स्वर्गामी-वि० [स० स्वर्गामिन ] जो स्वर्ग चला गया हो। स्वर्गभर्ता-सज्ञा पु० [स० स्वर्गभर्तृ ] स्वर्ग का स्वामी इद्र (को०] । स्वर्गवासी। स्वर्गगामी। स्वर्गभूमि-मज्ञा स्त्री॰ [स०] एक प्राचीन जनपद का नाम । स्वर्गारूढ--वि० [स० स्वगारूढ ] स्वर्ग सिधारा हुा । स्वर्ग पहुंचा- विशेष—यह जनपद वाराणसी के पश्चिम ओर था। कहते है, हुअा । मृत । स्वर्गवासी। इसी स्थान पर भगवतो न दुर्ग नामक राक्षस का नाश किया स्वर्गारोहण-सज्ञा पु० [सं०] १ स्वर्ग की ओर जाना या चढना। २. था जिसके कारण उनका नाम दुर्गा पड़ा था। स्वर्ग सिधारना । मरना । ३ महाभारत का एक पर्व या अश। से एक।