पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 7.djvu/२३३

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पालिकुमार कम्या। बेटी। ३. घोटी इलायची। ४. कान में पह it वाली'--: [.', यासि, मा चाली। ५. वायू।। वालिकुमार-शपु. [ 10 ] यानि नामा बरपासागर जो रामनी रोपापा। वालिग-. पुं० [अ० चालिग] [.१. यरिगाजो बागी' - वाल्यारया को पार हो। मोद को पुश हो । जवान। प्राणमय नादागि गाउनटा। विशेष -गानून के पशुमार गुपका और गुच बातो के लिये १८ या इससे अपि. hati मनुष्य वानिग माना जाता। पालिघ-सा [हिं०] ****','30-pl 11:1' ---; : 17). "*, हो वानिय ला ताना मार -71414-. Pre vy??? ( 1477:"1? (****) घमारानो जग में जिगरी-पि, पृ०३१५ वातिनी-100 in ] अमिनो नाम : नाम । 4719771.;*:*:7:1--*71e, 21:1 घालिमा-inj. [ मा यानिमन ] दायमाय । मिला। 1071717-71 (los col.*7* घालिश'- [फा०, मुगल 10 पाकिम, ग• पानिन] 7910ratis 11: •7' 7 * : ? 17:15 ***** तकिया । ममानद । शिगेप। चालिश-संशा ५ [ ] १. पाल । विगु । २. योग घानीय-:( मारनामा प्यक्ति । नासमः। ulit 44771- lin ( - 6:1, 14.1177) Pic वालिश'- [ 10 ] गयो । समान । नाममा गग] गोपापा सरकार वालिश्त-० [फा०] प्रकार की माप को प्राम, गार: उभागी। भगुन से मुहुए कार पोर ना पाप पट यानुसो, बागो....।" ", aam हाय के पने को भरपूर फैशाने पर मूठे नोर में कानी गली गो नोगतमा को दूर्ग। nिt inा। 313 *** :)!! पित्ता। उ०-हापत प्रगिल विनिता मराटी, क्या जमीन में गाई पोर पासमान म।-मान, गाऊ'--..] १.२.नि। भा० २, पृ० ४६२। 3137' 473;'Jo- 5 चालिश्चिया-11 ५० [फा० मालिशियह ] योगासामी । नाटा = "1176 faz 1 557 11 *** व्यक्ति (पो०1 वालिश्य- पुं० [20] मगपना । पूर्णता समानता। घानुका - in r.'। वा। २. एक प्रकार नासमझो । बेवफो। चालिस-वि० [म. पालि: यासिर । 30-~(2) पालुभावन ~i.: "" [१] are मागे गुलहि नजाय वान वाजिम य माय गान योर माम बम गरम जिम गोरो यादमी पार तमकि निदोष है। -तुलसी (पा०२०)। (ग) मानिस करत पाम प.गोमागार में पागे पोरमे। श्रग वालिस कुगंग गहि सालिस भयो न पो पानिम बरिस पालुकास्वेद [...] भायमा पवार पोसने दे में।-दीन० न०, पृ० १३५ । निगमकान से गरी पाकिस बालिस- पु० [40 वैवाट गिट्टी । पर पत्पर से दुहे। चालु हो-III J: मारी। वलिस टून- 1 [ ५० वैनास्ट ट्रेन ] 4६ रेलगाड़ी जिरा घालू '--- ५० [बारका पसर या महानों पादिरा पर सड़क बनने के सामान (काद भादि ) मादकर भेजे श्रीमती मानण गोपी के जल मामा जाते हैं। पर से वह पाता मोर नदियोस किमागे पादिपादसा चालीं-तथा सी० [फा०] १. तमिया । मसनद । शिरोपधान । जपर जमीन या रेगिस्तानी में बहा मधिल पाया जाता है। २. सिरहाना । उ०-वठे रेहलत जो आए वाली पर, सूब रेगु । रेत । 30-मा का पारेर राज्यों याद की मौत। रोए गले लगा करके । -भारतेंदु म, ना० २, पृ० २० । -पलटु० बानी, भा० १, पु० २० । IN