पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 7.djvu/३८३

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भरथरी सतक ३६२२ सो निरयाणि ।-प्राण०, पृ० ७८ । (स) मिले भरपरी भरदो। ४.योगदागी नीरसेगमा::ति प्रय पिंगला।-हिंदी प्रेमगाथा, पु० २२६ । में पुष सवार 30 वर ग ... भरथरी सतक-संज्ञा पुं० [ मे० भतृहरि शतक ] एक प्रय। ३० all at war ulls i att vi fuí: :1 44111 13. 'भतृहरि शता' । उ०-री भरथरी सतक पर, भाग वामना। ६. पद पर fign fol भली प्रताप, नीति महल रस गोरस मैं, वीतराग प्रनु भाषा पूति गरमा । ,--दोन पान गंदगी bari ब्रज००, पृ० १२८ । मारे परा। ७.mart मा .. भरदूल-ता पु० [ रा. भरद्वाज ] भरद्वाज पक्षो । '. 'मरत पनि करना । । । ---(+) ६) भरद्वाज-सा पु- [म.] १. अगिरस गोत्र के उतथ्य पिको 3.2 for 17 8 x (") }} un स्त्री ममता के गर्भ में से उसके गाई वृहस्पति फे पोयं से भाई नाई। उत्पन्न एक वैदिक अपि जो गोरयतमोर मंत्रहार । मुहा०-(सिी का) पर भरना-: (f.jit) Hair विशेप-हते हैं, एक वार उतप की अनुपस्थिति में उनके भाई जंगे,-सहन पार न मार। वृहस्पति ने ममता के साथ स सगं पिया या जिससे नदार 5.038 H 11 E, 07 13 kost sirit का जन्म हुमा। अपना ज्यभिचार पिपाने लिये ममता ने मया कोई बुरी Hifi ने भरद्वाज का त्याग करना चाहा था, पर गृहस्पति ने उसको उभर दिया, गीनि ऐसा करने से मना लिया। दोनो मे कुप विवाद भी हमा, 20.12.1627 quiz u 1126 417 111373-10 पर प्रत में दोनो ही नवजात बाला को छोड़कर चले गए। पोटा पोर मोटारना: ११.feitisat उनके चले जाने पर मखद् गण इन को उठा ले गए पोर उन्ही कठिन पिचा। 3---दर । ने इनका पालन किया । नव भरत ने पुत्र कामना से महरस्तोम fonla Thailanditi-1.1111 ??. यज्ञ किया, तब मरुद्गण ने प्रसन्न होकर नरमाज को उनले करना । नियाहना। 30-0m wITS सुपुर्द कर दिया। महाभारत में लिखा है, एक बार में नकोसे फरिम (20)18. हिमालय में गंगा स्नान कर रहे थे। उपर से नाती हुई सना। 30-जहा मो नागन मरमानी धृतापी मप्सरा को देनर इन का गोर्यपात हो गया, जिससे मग जापनी (1.)। १४. माना । द्रोणाचार्य का जन्म हुमा। एक बार इन्होंने प्रम में पटार (6) मगरना। (N) रे हो । १५. अपने मित्र रेभ्य को शाप दे दिया था और पीई से पदा- पनुमा परी पामा । १६. IRAT A Triill ! फर जल मरे थे। पर रेभा पुर उपिन ने अपनी तपस्या पोतना। 30---मुषाण सामागोनित के प्रभाव से इनको फिर चिता लिया था। बनाससमय तर नरे।-तुलसी (१००)। एक बार रामचंद्र इनके घाश्रम में भी गए थे। भावप्रसार सयो• कि.-साना !-1। अनुसार पनेक नापियों के प्रार्थना करने पर पे लग जाकर इंद्र से मायुर्वेद सोल पाए थे। ये गजा दिवोदास से पुरोहित भरना'-f० प्र० . fit feis I मार और सप्तषियो में से भी एक माने जाते है। पक्षापं पढ़ने के कारण पूर्ण होना । को-(गभर २. बौद्घो अनुसार एक. प्रहंत नानाम | ४. एक प्राचीन देश गया। (स) माताब भर गया। (ग) मर गया। का नाम । ५. भरद्वाजविराज या गोधापत्य | ६. यौ.मरा पूरा : (१) को प्रसार में मुन और भरत पक्षी। हो । (२) म प्रसार में पूर्ण। जिनमोjit भरन'-पि [म० भरण] भरण करनेवाला । उ०-तुष्टि जाद न हो । भरा महीना । मामास। मेरा गोjile मजन, रस, सेवा, निज पोपन मरन |-गद० ग्रं०, ० ३२६ । वनेपाली । भरा पानt=jया से पूर्ण ।। भरन'- पु. पालन । पोपण | भरण। 30-विस भग्न पोपन २. उंना या दाना जाना । ३. रिमापानको नास्पान कर जोई । ताफर नाम भरत पर हो।-तुतसी (सन्द०)। का पाती न रहना । मे-पिएटर को सप रशियार भरना'-कि० स० [ न भरण] १. पिसी रिक्त पार पादि में गई। ४. पदायों को दिया पार बंद होना। कोई पदार्थ इस प्रकार अलना जिसमें वह पूर्ण हो जाय । ५. तोप या पदुक पादि में गोली, जहर पाद होना । को पूरा करने के लिये कोई पीज डालना । पूरणं जैसे, भरा मा तमगा । ६. 'ण पाक्षिा परिणाम होना । करना । जैसे, लोटे में पानी भरना; गड्ढे में मिट्टी भरना, जैसे,-शाग देना भर गया । ७. मनोग होना । मगर गाड़ी मे माल भरना, तकिए में पई भरना। २.उलना। या पप्रसन्न रहना । जैसे,—रा उन्हें मार देयोचो नही, उराटना । डालना । ३. रिक्त स्थान को पूर्ण प्रथवा उसकी से भरे बैठे हैं। ६. पातु 4 दि ला पोटार नोटा मंशतः पूर्ति करना । स्थान को साती न रहने देना । जैसे, मोर छोटा लिया जाना । ६. पमो पर चोम्म पारिता । (क) सेनापति ने अपनी सेना से सारा पाहर भर दिया। १०. चेचक के दानों का सारे शरीर मे frar माना । ११. (ख) जुलाहे नलो मे सूत भरते हैं। (ग) तस्वीर में रंग रिसी मंग का बहुत काम करने के कारण करने लगना। खाली जगह