पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 7.djvu/४७४

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मंगनहार मंगलदशा मंगनहार-संज्ञा पुं० [हिं० मंगन + हार (प्रत्य॰)] भिखमंगा। से युक्त। ३. शुभ लक्षणों से युक्त । अच्छे लक्षणवाला । ४. भिक्षुक । उ०कवि गंग के अंगन मंगनहार दिना दस ते नित वहादुर । वीर यो०)। नृत्य करें।-प्रकवरी०, पृ० १२३ । मंगलकरण पुं० [सं० मङ्गजकरण ] दे॰ 'मंगलकम' । मंगरी--संज्ञा पुं॰ [स० मकर ] ३० 'मगर'। उ०-~-जल विच आस मंगल करन-वि० [ R० मङ्गन+हि० करन ] [ वि० स्त्री० मंगल. लगाइ के, मगर तन पाई।-घरनी० श०, पृ० १० । करनि, मंगकरनी ] शुभद । कल्याण देनेवाता। उ०- मंगल-संज्ञा पुं० [सं० मङ्गच ] १. अभीष्ट को सिसि । मनोकामना मगलकरनि कनिमल हरनि तुलसी कथा रधुनाथ की।- मानस, ११०।। का पूर्ण होना। २. कल्याण । कुशल । भनाई। जैसे- आपका मंगल हो । ३. सौर जगत् का एक प्रसिद्ध ग्रह जो मंगलकर्म -सझा पु० [ म० मङ्गज्ञकर्म:] पूजन एवं प्रार्थना आदि जो किसी कार्य को माता के लिये शुरू में की जाय (को०] । पृथ्वी का पुत्र माना जाता है। भौम । मंगलकलश -मता पु० [सं० सङ्गन कलश ] जल से भरा हुआ वह विशेष—यह ग्रह पृथ्वी के उपरांत पहले पहल पड़ता है और सूर्य घड़ा या कलश जो विवाह भादि शुभ अवसरो पर पूजा के से १४, १५, ००, ००० मील दूर है। यह हमारी पृथ्वी से लिये रखा जाता है। बहुत ही छोटा और चंद्रमा से प्राय: दूना है। इसका वर्ष मंगलकाम-वि० [ मं० मङ्गाराम ] शुभेच्छु । कल्याणवांक्षी। शुभ अथवा सूर्य की एक बार परिक्रमा करने का फाल हमा की कामना करनेवाला [को०] । ६८७ दिनों का होता है और इसका दिन हमारे दिन की मंगलकामना - संज्ञा स्त्री० [१० मङ्गलकामना ] शुभाकांक्षा । कल्याण अपेक्षा प्रायः बाध घंटा बड़ा होता है । इसके साथ दो उपग्रह की अभिलाषा [को० ॥ या चंद्रमा हैं जिनमें से एक प्राय. पाठ घटे में और दूसरा प्रायः मंगलकारक-वि० [म० मङ्गल+कारक] शुभप्रद । कल्याणकर [को०] । ३० घंटे में इसकी परिक्रमा करता है। इसका रंग गहरा लाल है । अनुमान किया जाता है कि इस ग्रह में स्थत पौर नहरों मंगलकारी- वि० { स० मङ्गलकारिन् ] १० मंगलकारक। पादि को बहुत अधिकता है और यही की जलवायु हमारी मंगलकार्य -ज्ञा पु० [स० मङ्गलकार्य ] व्याह, यज्ञोपवीत, जन्म पृथ्वी के जलवायु के बहुत कुछ समान है। पुराणानुसार आदि जैसे शुभकार्य या उत्सव (को०)। यह ग्रह पुरुष, क्षत्रिय, सामवेदी, भरद्वाज मुनि का मंगलकाल-सज्ञा पुं० [स० मङ्गलकाल] शुभ वेला या शुभ घड़ी (को॰] । पुत्र, चतुर्भुज, चारों भुजाओं में शक्ति, वर, अभय तथा मंगलक्षौम-संशा पुं० [सं० मङ्गलक्षौम ] रेशमी वस्त्र जो शुभ गदा का धारण करनेवाला. पित्तप्रकृति, युवा, क्रूर, अवसरो पर पहना जाता है [को०) । वनचारी, गेरु प्रादि धातुओं तथा लाल रंग के समस्त मंगलगान-पंक्षा पुं० [सं० मङ्गलगायनम् ] शुभ अवसरों पर होने- पदार्थों का स्वामी और कुछ अंगहीन माना जाता है। इसके वाला गान । उ०-मगलगान करहि वर भामिनि । भइ अधिष्ठाता देवता कार्तिकेय कहे गए हैं और यह अति देश सुखमुल मनोहर जामिनि }-मानस ११३५५ । का अधिपति बतलाया गया है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में लिखा मंगलगीत-संशा पुं० [स० मङ्गलगीत ] दे० 'गलगान' । है कि एक बार पृथ्वी विष्णु भगवान् पर प्रासक्त होकर मंगलगृह-सज्ञा पुं० [ सं० मङ्गलगृह ] पवित्र स्थान ) देवस्थान । युवती का रूप धारण करके उनके पास गई थी। मदिर (को०] । जव विष्णु उसका शृगार करने लगे, तब वह मूछित मंगलग्रह-संज्ञा पुं० [सं० मङ्गलग्रह ] १. शुभ ग्रह। २. दे० हो गई। उसी दशा में विष्णु ने उससे संभोग किया, 'मंगल' जिससे मंगल की उत्पत्ति हुई। पद्मपुराण में लिखा मंगलघट-संज्ञा पुं० [सं० मङ्गलघट ] दे० 'मंगलकलश' । उ०- है कि एक बार विष्णु का पसीना पृथ्वी पर गिरा था परिपूरण सिंदूर पूर कंधों मगलघट ।-केशव (शब्द०)। जिससे मंगल की उत्पत्ति हुई। मत्स्यपुराण में लिखा है कि मंगलचंडिका~संज्ञा स्त्री० [ स० मङ्गलचण्डिका ] दुर्गा का नाम । दक्ष का नाश करने के लिये महादेव ने जिस बीरभद्र को उत्पन्न किया था, वहीं वीरभद्र पीछे से मंगल हुा । इसी मंगलचंडी-संज्ञा स्त्री० [ स० मङ्गल वण्डी ] दे० मगलचंडिका' । मंगलचार-क्षा पुं० [हिं० ] दे० 'मंगलाचार' । उ०-हथलेवा प्रकार भिन्न भिन्न पुराणों में इसकी उत्पत्ति के संबंध में करि हरि राधा सों अनेक प्रकार की कथाएं दी हुई हैं। मगलचार गवाए।-नंद० ग्रं०, पु० ३४६। पर्या-अंगारक । धरासुत । भौम । कुज । कुमार । वक्र । मंगलच्छाय-सञ्ज्ञा पुं॰ [सं० मङ्गलच्छाय ] १. प्लक्ष का वृक्ष (को०) । महीसुत । लोहितांग । ऋणांतक । श्रावनेय । २. वड़ का पेड़ । वट वृक्ष। ४. एक वार जो इस ग्रह के नाम से प्रसिद्ध है। मंगलवार । मंगलतूयं--संज्ञा पु० [सं० मङ्गलतूर्य ] शुभ प्रवसरों पर वजाए जाने- ५. विष्णु । ६. सौभाग्य । ७. अग्नि का नाम (को०)। वाले तुरही, मृदंग आदि वाद्य [को०] । मंगल-वि० १. शुभद। कल्याणकारी। २. सपन्न । धनधान्यादि मंगलदशा--संज्ञा स्त्री॰ [सं० मङ्गलदशा ] कल्याण की अवस्था या