पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१२०

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G माता ३८६७ मातृवधु माता-वि० १ नाप या माप करनेवाला। २ निर्माणकर्ता। बनाने इद्राणी और चामुडा । ५ वर्णमाला की बारहवटी। ६ ठोढ़ी वाला । ३ ठीक ठीक जानकारी रखनेवाला [को०] । पर की पाठ विशिष्ट नमें। ८ पिता की माता। दादी। माता-वि० [सं० मत्त ] [स्त्री० माती ] मदमस्त । मतवाला। आजी (को०)। उ०—(क) आठ गांठ कोपीन के साधु न मान शक | नाम मातृकाकुड-सज्ञा पुं॰ [ स० मातृकाकुण्ड ] वद्यक के अनुसार गुदा अमल माता र गिर्न इद्र को रक । —कबीर (गन्द०) । (ख) का एक फोडा या व्रण जो बहुत छोटे बच्चो को होना है। जोर जगी जमुना जलवार मे वाम धमी जल के न को मातो। - मातृकेशट-मज्ञा पुं॰ [म० ] मामा । पद्माकर (शब्द०)। (ग) चला मानारि माहाग माहाता । श्री मातृगधिनी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ स० मातृगन्धिनी ] १ माता । सनिली कलवारि प्रेममद माती। जायसी (शब्द॰) । माता। २ पिता को उपपत्नी। मातापिता-सशा पु० [ म० मातृपितृ ] मा बाप । मातृगण-सज्ञा पुं० [ स० ] दे० 'मातृका-४' । उनकी मल्या मतातर मातामह-सञ्ज्ञा पुं० [म. ] [ खो० भातामही ] माता का पिता। म सात, पाठ और १६ कहा गई है। नाना। मातृगामी 1- सशा पुं० [सं० मातृगामिन् ] वह व्यक्ति जा माता के मातामहो-शा पु० [ ] नानी। साथ व्यभिचार या गमन करे। मातु-ज्ञा स्त्री॰ [ मै० मातृ ) गाता । माँ । जननी। उ०—(क) मातृगोत्र-सशा पु० [ ] माता का गोत्र या कुन । कबहूं करताल बजाय के नाचत मातु मब मन माद भरै ।- मातृघात, मातृघातक- सञ्चा पु० [ म० ] दे० 'मातृघाती' । तुलसी (शब्द॰) । (ख) तुलसो प्रभु भजह समु धनु, भूरि भाग मातृघाती-सज्ञा पु० [ स० मातृधातिन ] [स्रो० मातृघातिनी ] सिय मातु पिता री।-तुलसी (शब्द॰) । मातृहत्या करनेवाला व्यक्ति । माता का हत्यारा (को०] । मातुल–गा पु० [सं०] [स्त्री० मातुला, मातुलानी ] १ माता मातृचक्र-म्शा पु० [ म० ] मातृगग्ग । मातृका ममूह । का भाई। मामा । ७० को मत मातुल विभोपण हू वार मातृतीर्थ-मशा पु० [ स० ] हथेलो मे मवमे छोटी उगली के नीचे वार अचल पसारि पिय पाय ले लं ही परी ।- तुलमी (शब्द०) का स्थान। (ख) भुनि मातुल मुहि तात कहि नित प्रेम बढत । पृ० रा०, मातृत्व-सज्ञा पु० [सं०] १ माता होने का भाव । सतानवती ६११५८६ । २ धतूरा उ०-दृ मृणाल मातुल उभै हूँ कदाल होना । २ माता का पद । खभ बिन पात । —सूर (शब्द०)। ३ एक प्रकार का वान । ४ एक प्रकार का साप । ५ मदन वृक्ष । ६ सौर वर्ष (को०) । मातृदेव - सञ्चा ५० [ ] वह जो माता को देवता के सदृश माने । मों के प्रति देवता की भावना करनेवाला व्यक्ति । यौ-मातुलपुत्रक = (१) ममेरा भाई। मामा का पुत्र। (२) धतूरे का फल । मातृदेवी-सज्ञा स्त्री० [ ] तात्रिको को एक दवी का नाम । मातृदेश-सञ्ज्ञा [ म० ] मातृभूमि । जन्मभूमि । मातुला, मातुलानी -सज्ञा पो० [ 10 ] १ मामा को स्त्रो। मामी। मातृदोप-सज्ञा पु० [ स० ] माना में दोप या हीनता होना । माता २ मन । ३ प्रियगु। ४ भाँग । का निम्नजातीय होना। मातुलाहि --सशा पु० [ स० ] एक प्रकार का माप । मातनदन-सशा पुं० [ ० मातृनन्दन ] १ कार्तिकेय । २ महाकर ज मातुली-मश स्त्री० [ ] १ मामा की स्त्री। मामी । २ भांग । का पेड। मातुलुग सझा पुं० [नं० म तुलुङ्ग | विजोग नीबू । मातनदा-यशा का [ मं० मातृनन्दा ] गाक्तो की एक दवी का नाम । पर्या०-मातुलिग । चीज पूरक । मातुलुगक । मातृपक्ष-मज्ञा पु० [ १० ] माता का कुल, नाना, मामा अादि । मातुलेय-संशा पु० [ म० ] [ मी० मातुलेयी ] मामा का लटका । मातृपालित-सज्ञा पु० [ ] एक दानव का नाम । ममरा भाई। मातृपितृ-सज्ञा पुं० [ ] माता और पिता । मावाप । मातृ-संज्ञा स्त्री॰ [ म० ] ८० 'माता । यो०-मातृपितृहीन = जिमझ माता पिता न हो। विना मां मातृक'-वि॰ [ J माता मधी। वाप का। मातृक '- मशा पुं० १ माता का भाई। मामा। २ मातृत्व। माता मातृपूजा- सज्ञा स्त्री० [ म० मातृपूजन ] विवाह की एक रीति जिसमे होन का भाव (को०)। विवाह के दिन मे एक दो दिन पूर्व छोटे छोटे मीठे पूए बनाकर मातृकच्छिद-सज्ञा पुं॰ [ म० ] परशुराम । पितरो का पूजन किया जाता है। इसी की 'मातृपूजा' या मातृका-सज्ञा सी० [सं०] १ दूध पिलानेवाली दाई। घाय । २ 'मातृकापूजन' कहते हैं। माता । जननी। ३ उपमाता । मौतेनी माता । ४ तामिको को मातृवधु-मशा पु० [स० मातृपन्यु ] माता के नवध या कोई सात देविया-ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वपणनी, वाराही, मात्मीय । ८-१४ स० HO स० म० 90 स०