पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/५०

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ही मेरै मिठो पर, विशेपकर मुझ पर, ही है। मैं उसके लिये उन अाँव वल्र्ड लिटरेरी टम्स. टी० शिप्ले । लटाइनिशेज एटिमोलोगाशेज * सबसे हृदय से क्षमादा थीं हैं जिनको जरा भी मुभ से ठेस पहुंची हो। बोरबुख रिलीफ उट इन्सस्प्रिप्ट (२ ख ) : मुडारी इग्लिश डिक्शनरी । ऐटिमालागिशेल वोटॅरबुख देस प्राल्टिडिऐन , मान फेह मायर होफर ( ६ खड ) । अल्टिडिगे ग्रामोटीक ( ५ खड ), वाकरनागेल । गुरुइस कोपा के नवीन सस्करण के लिये जिन सदर्भ ग्रथो से सहायता शब्दरत्नाकर ( ४ खड ) । हिदी राष्ट्रभापा कोश । वैद्यक शब्दसिंधु । ली गई हैं उनके लेखको, संपादको तथा प्रकाशको के प्रति सभा मृतक आयुर्वेदीय विश्वकोश (३ खड ) । वनौषधि चद्रोदय ( ८ खड ) । है । इन ग्रयो में से कुछ विशेष सहायक ग्रंथों के नाम यहाँ दिए जा इन्साइक्लोपेडिया ब्रिटेनिका ( ३४-३५ ) । नागरीप्रचारिणी सभा के प्रकाशन तथा कोश विमाग मे पूर्ण । अक्सफोर्ड डिक्शनरी ( १३ खg ) शार्टर श्रॉफोर्ड डिक्शनरी सद्योग के कारण ही यह को श इतने शीघ्र प्रकाशित हो सका है और || ( २ खड )। कन्साइज अक्सफोर्ड डिक्शनरी । थार्नडाइक इग्लिा विश्वास है कि शेष खड प्रत्येक छह छह महीने पर प्रकाशित होते रहेंगे। || डिक्शनरी । चेंबर्स ट्वेटिएथ सेंचुरी डिक्शनरी । सस्कृत वोटॅबुख, अटो सभा के सहायकमही श्री शभुनाथ बाजपेयी, श्री विश्वनाथ त्रिपाठी तथा बोथलग रुडोल्क ये । सम्कु इग्लिश डिक्शनरी सर एम० मोनियर श्री वल्लभाशरण पाडेय ने पूफ संशोधन के कार्य में जो सहयोग दिया है। विलियम्झ, प्रैक्टिकल सस्कृत इग्लिश डिक्शनरी बी० एम० अआप्टे । मैं तदर्थ आभारी हूँ। हमने इस बात का प्रयत्न किया है कि पूफ सवधी आप्टे कृत प्रविटकन मस्कत इग्लिश डिक्शनरी ( ३ ख ), सपोदक--- तथा अन्य त्रुटियाँ इसमें स्थान न पा सके किंतु कही कही समय है कुछ पूफ पी० के० गोडे तथा सी० जी० कर्वे । मैकडोनेल प्रैक्टिकल संस्कृत सवधी भूलें आ गई हो जिसका हमे अतरिक लेश है। हम इसे अगले इग्लिश डिक्शनरी । पशियन इग्लिश डिक्शनरी स्टाइनगास। ऐग्लो सस्करण में दूर करने का प्रयत्न करेंगे और ध्यान रखेंगे कि इस प्रकार हिंदुस्तानी डिक्शनरी फैनन । हिंदुस्तानी प्रवद फैलन । नेपाली की हुटियाँ भविष्य में न हो। फिर भी नागरं मुद्रण के व्यवस्थापक डिक्शनरी टर्नर । शव्दार्थ कल्पतरु मामिडि वेंकटार्य । अल्फर यद उल् श्री विष्ण चद्र शर्मा तथा उनके सहयोगियों ने जिस तत्परता के साथ दुरियत उल-तुलावे ( अरबी अग्रेजी डिक्शनरी ), फरहग ग्रामकिपा (४ काम किया है वह सराहनीय है। खड )। नूर उल् लुगात ( ४ खड )। करीम उलु लुगात । तखमीस उल् लुगात । लुगात किशोरी। अमरकोश । हुलायुधको । मेदिनी | इस ग्रंथ के संपादन का ही नहीं, उसके प्रकाशन के व्ययभार का कोण । शव्दकल्पद्रुम (५ खद }। वाचस्पत्यम् ( ८ खड ) । पूर्णचन्न ६० प्रतिशत व झि भारत सरकार ने वहन किया है । इसलिये ही यह अॉडिया महाकोश (७ खड) । वागला भापार अभिवान ज्ञानेंद्रमोहन ग्रंथ इतना सस्ता निकालना संभव हो सका है। उनके लिये शिक्षा मंत्रादास (२ भाग) । चलतिका राजशेखर वसु । विनीत जोडणी कोमल ३ नोट को लय के अधिकारियों का प्रशसनीय सहयोग हमें प्राप्त हैं और उसके लिये ( गुजरात विद्यापीठ, अहमदावाद ), मराठी व्युत्पत्ति कोश कृष्णाजी हम उन पाहुजी कुलकर्णी । इस्तेनहाते पेशेवाएँ ( ऋठि खड ) । राजस्थानी सब्द जिम रूप में यह ग्रंथ हिंदी जगत् के समुख प्रस्तुत किया जा रही कोश · सीताराम लालस । अवधी कोण रामाज्ञा द्विवेदी 'समीर'। है, उसमे अद्यतन विकसित कोशशिल्प का यथासामर्थ्य उपयोग और विहार पीजेंटस लाइफ, कृपिकोश विहार राष्ट्रभापा परिषद् ।। प्रयोग किया गया है कितु हिंदी की और हमारी सीमा है। यद्यपि हम कृषि जीवन सबधी व्रज'भापा शब्दावल ( २ ख ), अवाप्रसाद सुमन । अर्थ और पुत्पत्ति का ऐतिहासिक क्रमविकास भी प्रस्तुत करना ग्रजमापा सूरकोण ( पाँच वुड ) । तुलसी व्दिसागर • हरगोविंद चाहते थे, परतु साधन की कमी तथा हिंदी के ग्रंथो के कालक्रम के तिवारी । मानस शब्दस गर वद्रीदास अग्रवाल । सस्कृत इग्लिश डिक्श प्रामाणिक निर्धारण के अभाव में वैसा कर सकना संभव न था। फिर नरी . हॉ० विलसन । अङ्ग्रेजी संस्कृत डिक्शनरी सर' एम० भोनियर भी यह कहने मे हमे सकोच नहीं कि अद्यतन प्रकाशित कोशो में विलियम्म् । सस्कृत थियोडोर वेन्फे। पाली इग्लिश डिक्शनरी । शब्दसागर की गरिमा अाधुनिक भारतीय भाषाओ के कोशो में अतुलनीय सोसायटी । अर्धमागधी कोश मुनि श्री रत्नचद्र । जॉन शेक्सपियर है, और इस क्षेत्र में काम करनेवाले इमसे अधिार ग्रहण करते रहेंगे। हिंदुस्तानी इग्लिश डिक्शनरी ऐह इग्लिश हिंदुस्तानी डिक्शनरी । प्रसाद इस अवसर पर हिंदी जगत् को यह भी नम्रतापूर्वक सूचित करना काव्यकोश श्री सुधाकर पाडेय । वृहत् अग्रेजी हिंदी को ज्ञानमडल । चाहते हैं कि सभा ने शव्दसागर के लिये एक स्थाई विभाग का उर्दू हिंदी शब्दकोश मदाह । पाइय सद्द महफ्णवो हरगोविंद । सकल्प किया है जो वरावर इसके प्रवर्धन और संशोधन के लिये अद्यतन सेठ । अभिधान राजेंद्र ( ५ पड़ ) । पाली हाइब्रिड डिक्शनरी। कोशशिल्प विधि से यत्नशील रहेगा। रूपनिषटु, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी । शालिग्राम निघटुमूषणम् । अश्व द्यक । अब शास्त्र । रगीनामा । डिंगल को। इन्सक्लिोपीडियो मूल प्राब्दसागर से इसकी शब्दसखयों में दुगुनी से अधिक की वृद्धि अॉव रिलीजन ऍड एथिक्स---हैटिग्ज । विश्वकोश (हिदी तथा बैंगला) हुई है और नए शब्द हिंदी साहित्य के अादिकाल, संत एव सूफी साहित्य सपादक---नगेंद्रनाथ वसु । तेलुगु डिक्शनरी गैलटी । पोर्चुगीज एट ( पूर्व मध्यकाल ), अघुनिक काल, काव्य, नाटक, प्रलोचना, इग्लिश डिक्शनरी ( २ खड ) । इन्फ्लुएम व पोनु गीज बोकेवुल्स उपन्यास आदि के ग्रंथ, इतिहास, राजनीति, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र इन एशियाटिक लागवेज वी० भट्टाचार्य । पशयन वोकेबुलरी वाणिज्य श्रादि और अभिनंदन एवं पुरस्कृत ग्रंथ, विज्ञान के सामान्य लेघर्टन। वल्र्ड गजेटियर ऐ जियोफिकल दियशनरी । डिक्शनरी प्रचलित शब्द और राजस्थानी तथा हिगल, दक्खिनी feदी और प्रचलित