पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/१७१

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३ - मोइन ने सोहन की पुस्तक दी थी। ४-सोहन अपनी बहन को वह पुस्तक देगा ‘को' अधिकरण-कारक में आ १.-सोमवार को पढ़ाई होगी, रविवार को छुट्टी २-दुपहर को भोजन ऊरने से ठीक रहता हूँ । यों विभिन्न कारकों में तथा विभिन्न सम्बन्धों में को’ का उपयोग होता है ।। ‘से विभक्ति कता-कारक में- १–राम से अब उठा नहीं जाता ।। २–बूढ़े से चने फोड़े नहीं फूटते ।। ‘से कर्म कारक मैं- १-मोहन राम से कहता है । ३-~-राम ने मोहन से कुछ कहा था । ३–म लड़के से सौदा सँगवाती है । ४—मजदूर मुंशी ने चिट्ठी लिखवाता है । सभी उदाहरणों में ‘गौण कर्म' में से है। ‘हे’ करण या हेतु में--- १---राम चाक से कलम बनाता है। २---सुब काम धनसे बनता है। ३–केवल पढ़ने-लिखने से ही सुख नहीं मिलता । ४- मुक्ति झाद से ही सम्भव है ।। ‘से अपान में -- १-- छत से कूड़ा गिरा । २---कूड़े से एक कीड़ा निकली । ३--कीड़े से बदबू आती है। ४- पानी नहर से आता है।