पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/१९९

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( १५४ ) १--लड़कों को अच्छा बनाओ। २---लड़कियों को अच्छा बनायो । यहाँ ‘क’ विभक्ति के विनः काम न चलेगा । ऐसे प्रयोर न होंगे १-~-लड़के अच्छे बना । ३-लड़कियाँ छ। बनाअो । ऐसे प्रयोग व हो सकें, जब कोई कुम्हार खिलौनों में लड़के लड़कियाँ बना रहा हो । तब उस से कोई कह सकता है-- लड़के अच्छे बनायो और लड़कियाँ भी अच्छी वनाओं कारण, बह लड़के' तथा 'लड़कियाँ’ बना रहा है। परन्तु 'माता-पिता न लड़के बनाते हैं, न लड़कियाँ । यह सब भवान् क या नियुति का काम है । हाँ, माता-पिता उन्हें अच? या दुरः बना सकते हैं । इसी लिए---- १---लड़कों को अच्छा बनायो । २ - लड़कियों को अच्छा बना प्रयोग होते हैं । केवल 'अच्छा' बनाना विधेय हैं और इसी लिए फर्म में 'को' विभक्ति लगी है। लड़की को अच्छा बनाओ' ! सर्वत्र ‘अच्छा' क्रिया- विशेष है। इसीलिए अच्छ” इक रस रहेगा, अच्छी' या “अच्छे रूप में न श्राएर ३ अच्छेपन मात्र का विधान है। यदि बनाने का संबन्ध केवल गुण से न हो कर द्रव्य’ से भी हो, तब को' विभक्ति न लगेर--- १-जुलाहा धोती अली बनाता है। २-जुलाहा कपड़े अच्छे बनाता है। यहाँ अच्छापन' धोती' तथा कपड़ों के साथ ही अा रही है। इसी लिए धोती' के साथ अच्छी तथा कपड़े के साथ 'अच्छे विशेषण हैं। विशिष्ट धोती तथा कपड़े जुलाहा बना रहा है। परन्तु- १-इस धोती को तुमने और अच्छा बना लिया । २---तुमने कपड़ों को अच्छा बना लिया।