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७९. ऊधोराम कवि–जन्म १५५३ ई०

हजारा, १ राग कल्पद्रुम । देखिए संख्या ४९५.

टि०—यह सं० १७५० के पूर्व उपस्थित थे । इनके संबंध में इतना ही निश्चय पूर्वक कहा जा सकता है।(सर्वेक्षण ५८) ।

८०, नंदलाल कवि---जन्म १५५४ ई०

हजारा।

टि०--यह सं० १७५० से पूर्व उपस्थित थे । इतना ही इनके संबंध में

असंदिग्ध रूप से कहा जा सकता है। (-सर्वेक्षण ४२५)

८१. गनेस जी मिसर–जन्म १५५८ ई०

हजारा।

टि०-इन गणेश ने सं० १८१८ में सबछी' माम अंथ रचा था । अतः सरोज के आधार पर दिया इनका समय अशुद्ध है। (सर्वेक्षण २०४)

८२, जलालउद्दीन छवि-जन्म १५५८ ई०

हजारा ।

टि०–सं० १७५० के पहले यह कवि हुआ इतना ही निश्चित रूप से कहा जा सकता है । (-सर्वेक्षण २८७)

८३. ओलीराम कवि–जन्म १५६४ ई०

हजारा ।

टि०–सं० १७५० के पहले यह कवि हुआ, इतना ही इसके संबंध में । सुनिश्चित रूप से कहा जा सकता है। (-सर्वेक्षण १९)

८४. दामोदरदास---ब्रजवासी, जन्म १५६५ ई० ।

राग कल्पद्रुम, संभवतः वही जिनका उल्लेख विना तिथि दिए हुए शिवसिंह ने ‘दामोदर कवि' नाम से किया है ।

टि०–दामोदर दास जी सं० १६८७-९२ के लगभग वर्तमान थे ।

इनके नेम बत्तीसी का रचनाकाल सं० १६८७ और जजमान कन्हाई जस का सं० १६९२ वि० है । १५६५ ई० या सं० १६२२ वि० इनका जन्मकाल हो सकता है। (-सर्वेक्षण ३४६)

सरोज के तिथि हीन कवि दामोदर कवि ( सर्वेक्षण ३४७ ), रीतिकालीन श्रृंगारी कवि हैं, और हित हरिवंश के राधा वल्लभी संप्रदाय के इस भक्त कवि से भिन्न हैं।

८५. जमालउद्दीन--पिहानी, जिला हरदोई के ! जन्म १५६८ ई० ।

कोई विवरण नहीं । यह संभवतः वही हैं, जिन्हें शिवसिंह ने १५४५ ई० में उत्पन्न और कूट में प्रवीण जमाल कवि कहा है।