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लगभग उपस्थित ) या ओड़छा वाले नागरीदास ( सं० १६०० ही के लगभग वर्तमान ) की रचना रही होगी । -सर्वेक्षण ३९८

९६. दिलदार कवि-जन्म १५९३ ई० ।

हजारा ।

टि०-इनके संबंध में इतना ही, निश्चयपूर्वक कहा जा सकता है कि यह सं० १७५० के पूर्व उपस्थित थे । -सर्वेक्षण ३५२

९७, दौलत कवि-जन्म १५९४ ई० ।

९८. जगन कवि-जन्म १५९५ ई० ।

श्रृंगारी कवि ।

टि०—यह अकबरी दरबार के कवि हैं । अतः १५९५ ई• या सं० १६५३.इनका रचनाकाल है ।

९९, ताज, कवि---जन्म १५९५ ई०

हजारा।

टि०-१५९५ ई० या सं० १६५२ ताज का रचनाकाल है। -सर्वेक्षण ३२५

१००, लालनदास-डलमऊ जिला रायबरेली के ब्राह्मण । जन्म १५९५ ई० हजारा। शांतरस के कवि।

टि० लालनदास हलवाई थे, ब्राह्मण नहीं । इस कवि ने हरिचरित्र नामक भागवत का भाषानुवाद १५८५, १५८७ या १५९५ वि० में प्रस्तुत किया था । अतः १५९५ ई० इनका जन्मकाल कदापि नहीं हो सकता । इस समय तक तो शायद कवि जीवित भी न रहा हो। -सर्वेक्षण ८०८

१०१. बारक कवि-जन्म १५९८ ई०।

१०२. विस्वनाथ कवि-प्राचीन । अन्म १५९८ ई०।