पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/१४०

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|.. (६) पैच रतन ( राग कल्पद्रुम)--पाँच छोटी पुस्तकों का संग्रह, । सामान्यतया ये एक वर्ग में रखी जाती हैं । वे हैं :- | (अ) जानकी मंगल ।। (ब) पार्वती मंगल ।। (स) वैराग्य संदीपनी ।। (६) रामलला नहछू । (य) बरवै रामायण ( राग कल्पद्रुम ) प्रथम दो गीत हैं जिनमें क्रमशः सीता और गौरी के विवाह का वर्णन | है। तीसरा एक उपदेशात्मक ग्रन्थ है; चौथो एक गीत है, जो विवाह के | . . समय, राम के नाखून काटने के संस्कार पर लिखा गया है; और पाँचव, बरवै छन्दों में राम का एक लघु इतिहास है ।। .. (७ ) श्री राम आज्ञा----राम सगुनावली नाम से भी अभिहित । ग्रंथ में सात सात अध्यायों के सात सर्ग हैं । प्रत्येक अध्याय में सात सात दोहे हैं। यह राम के जीवन से सम्बन्धित सगुनों का संग्रह है । मुझे इसके जाली होने का सन्देह है । इसमें कवि के अन्य ग्रन्थों के भी कुछ अंश हैं । मैंने इसकी । एक अत्यन्त साधारण कोटि की टीका देखी हैं । (८) संकटमोचन--एक लघु उपदेश-प्रधान ग्रन्थ । मैंने इसका एक २६ी छंपा संस्करण देखा है ।। (९) विनय पत्रिका ( राग कल्पद्रुम }--२७९ पदों का संग्रह । अत्यंत प्रसिद्ध; प्रशंसा के योग्य है भी । यह प्रायः छपती रही हैं और शिव प्रसन्न | (सं०: ६४३ ) ने इस पर एक अत्यंत सुन्दर टीका लिखी है ।। ,, (१०) हनुमान बाहुक ( राग कल्पद्रुम )--हनुमान की प्रशस्ति में विरचित छन्द-संग्रह । परम्परा के अनुसार इन्होंने इन्हें राम और लक्षमण का दर्शन | कराया था ! | इनके अतिरिक्त शिवसिंह सरोज इनके निम्नलिखित और ग्रंथों का भी । उल्लेख करता हैं :---- (११) राम सलाका ( रागकल्पद्रुम ) : ... (१२) कुंडलियो रामायण

(१३) कड़खा रामायण,

| (१४) रोला रामायण. (१५) झूलना रामायण ..