पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/१५७

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( १४६ ) जैसा कि भूमिका में मैं प्रतिश्रुत था, संवत् १६६९ (१६१२ ई०) में तुलसी- दास के हाथ के लिखे हुए पंचायतनामे को प्रत्यक्षरीकरण और अनुवाद दे । रहा हूँ। अपने पुराने मित्र और अध्यापक मीर औलाद अली, प्रोफेसर अरबी, फारसी, हिंदुस्तानी, ट्रिनिटी कालेज डबलिन के प्रति, इस पंचायतनासे के फारसी । और अरबी वाले अंश को अनूदित और प्रतिलिपि करने में अत्यधिक सहायता देने के लिए कृतज्ञता ज्ञापन का यह अवसर मैं ले रहा हूँ ।। ' । प्रत्यक्षीकरण श्री जानकी वल्लभो विजयते। द्विश शरं नाभिसंधत्ते द्विस स्थापयति ना सृतान । द्विर ददाति न १ चार्थिभ्यो रामो द्विर नैव भाषते ॥१॥ तुलसी जान्यो दशरथहिं ध- २ रसु न सत्य समान ॥ राम तजो जेहि लागि विनु राम परिहरे प्रनि ।। १ ।। - ३ धर्मो जयति नाधर्मस् सत्यं जयति नानृतं . क्षमा जयति न क्रोधो ४ विष्णुपुर्जयति नासुराः । | अल्लाहु अकबर चे अनंद राम बिन टोडर बिन देवराय व कन्हाए बिन राम भदर बिन टोडर मजकूर , दुर हुजूर आमदा करार दादंड कि दर मवानिए मृतका कि ताफ़सीलि ओं दर. हिंदवी मजकूर अस्त बिल मुनासफ़ा बतराजिए जानिबैन क़रार दादेम | व यक सद् ओ पिंजाह (१) बीघा जमीन ज़ियादा (१) किस्मती । ८ सुनसफ़ी खुद दर मौजाए भदैनी अनन्द राम मजकूर व कन्हाए बिन राम भदर मजकूर तजवीज़ नमूदा।। बरीं मानी रज़ी गश्त इतिराफ़ सहीह शरई नमूदंदवनावरी. ओं, १० मुह करद शुद ( मुहर ) ? सैदुल्लाह बिन XXX. . किस्मति अनन्द राम । | क़िस्मति कन्हाए. . १२. कृरिया कूरिया । करिया . कुरिया भदैनी दो हिस्सा लहरतारा बरोबस्त भदैनी सिह हिस्सा शिउपुर दोबस्त १३ क़रिया। झरिया करियो । नैपुर हिस्सा १ छित्तूपुर, हिस्सा १ नदेसर हिस्सा १ टोडर तमाम १४ ।। टोडर तमाम : टोडरे तमाम ., । (१) इत्तला अलैह (अपाठ्य ) :... १. या (१) अज् हिस्सा क़िस्मती मुनसक्ला ।।।