पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/१५८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

( १४७ ) . :: खी परमेस्वर . . . ' . संवत १६६९ समए कुआर सुदी तेरसि बार सुभ दिने लिखतिम् (ko) पत्र अनंद १५ . राम तथा कन्हइ । अंस विभाग पूरब आगे कै अरज्ञा हुनहु जने माँगा १६ आज्ञा भै से प्रमान माना ! दुनहु जने विदित तफ़सील अंस टोडरमल १७ . के मह जे विभाग पदु' होत रा ( १ हा )xx . १८ अंस आनन्द राम { मौजे भदैनी । अंस कन्हई । मौजे भदैनी मह..अंस पॉच, तेहि मह अंस दुइ । मह अंस पाँच, तेहि मह तीनि । आनंद रामु तथा लहरतारा सगरे उ । | अस कन्हई । तथा मौजे सिपुरी तथा छितु पुरी अस टोडर मल के } | तथा नदेसरी अंस तोडर मलु . तथा नै पुरा गैस टोडर मलु क { हील } क ! हील हुजती नास्ति । हुजंती नास्ति लिखितम् अनन्द राम । लिखितम् कन्हई जे उपर जे ऊपर लिखा से सही लिखा से सही : १९-२४ .. ... ( इसके आगे गवाहों के हस्ताक्षर हैं, जिनमें से अंतिम हैं ) . शहद विमाफही जलाल मक़बूली. बिमाफिही ताहिर इन्नि ख्वाज : २६ विदंवत्तिहि ।। | दौलती कानूनगोइ। - अंग्रेजी अनुवाद | ( Sanskrit) Victory to the lord of 6, ri Janki, • Two arrows cannot be shot' at one time. Twide one does not support refugees, Twice over benefits are not given to applicants, Ratna does not speak in two ways. " (Old Baiswari ) 9 Tulsi, Dasrath knew no virtue equal to the ' truth, He gave up Rem for it, and without Ram he gave up his life. ( Sanskrit ) Virtue'Conquers and not vioe, truth : and not falsehood. Meroy conquers and not anger. Vishnu donquers and not the Asuras. | ( Persian ) God is great Where as Anand Ram, son of 'todat, son of