पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२०१

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( १८६ ) २५३. सदनसोहन-जन्म १६३५ ई० ।। राग कल्पद्रुम । . . टि०-यह सम्भवतः सूरदास मदनमोहन हैं। ऐसी स्थिति में १६३५ ई० इनका अन्मकाल नहीं है, यह अधिक से अधिक इनका अन्तिम जीवनकाल हो सकता है। -सर्वेक्षण ६८५ २५४. निधान कवि-प्राचीन | जन्म १६४१ ई० 1 .. हजारी ।। टि–इन्होंने सं० १६७४ मैं चैत्र शुक्ल १३ को जसवन्त विलाल नामक रस और अलंकार का सम्मिलित ग्रंथ लिखा था । अतः १६४१ ई० इनका जन्मकाल कदापि नहीं हो सकता। इस समय तक कवि जीवित रहा हो, तो हो । -संवत् ४१० २५५. ससिसेखर कवि-जन्म १६४२ ई० ।। हजारा। २५६. भूधर कवि-बनारसी । जन्म १६४३ ई० । हजारा।। २५७. चतुर सिङ्घ राना-राजा चतुर सिंह । जन्म १६४४ ई० । .. यह सीधी भाषा में रचना करते थे । २५८, पतिरास कवि-जन्म १६४४ ई० ।। हजारा। दि०-१६४४ उपस्थिति काल है, जन्माल नहीं । —सर्वेक्षण ४७० २५९. पहलाद-जन्म १६४४ ई० । हजारा। टि०-- १६४४ ई० न तो जन्मकाल है, न उपस्थिति काल है। इन्होंने सं० १६६१ के आसपास बैताल पचीसी नाम ग्रंथ अकबर के राज्यकाल (सं० १६१३-६२ ) में लिखा था। .. .. –सर्वेक्षण ४६८ २६०. ब्रजलाल-~-जन्म १६४५ ई०। . .. . हजारा । । २६१. देवदत्तं--कुसमड़ा, जिला कन्नौज के ब्राह्मण । जन्म १६४६ ई. ___कोई विवरण नहीं। शिवसिंह द्वारा उल्लिखित 'देवदत्त कवि जो १६४८ ई० में उत्पन्न हुए और उन्हीं के द्वारा उल्लिखित 'देवदत्त' जो १६९५ ई० में