पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२०७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२८४. मोहन कवि-~-जन्म १६५८ ई० । हजारा, राग कल्पद्रुम । देखिए संख्या ३२९ २८५. रसरास कवि-१६५८ ई० में उपस्थित । . हजारा । शृंगारी कवि ।। टिक-प्रियर्सन में 'रसराम' छपा है, जो अशुद्ध है । रसरास, रामनारायण का उपनाम है। इन्होंने सं० १८२७ में कवित्त रत्न मालिका की रचना की थी । अतः १६५८ ई० अशुद्ध है। सर्वेक्षण ७५० २८६. बनमालीदास गोसाईं-जन्म १६५९ ई०।- यह अरबी, फारसी, संस्कृत के विद्वान थे। इनके वेदांत संबंधी दोहे प्रसिद्ध है। टि–१६५९ ई० (सं० १७१६) इनका उपस्थिति काल है, न कि जन्म काल । यह द्वारा के मुंशी थे । दारा और औरंगजेब से उत्तराधिकार के. लिए सं० १७१५ से युद्ध हुआ था । -सर्वेक्षण ५८१ २८७. अनाथदास कवि–जन्म १६५९ ई० । शांत रस की फुटकर रचनाओं तथा विचार माला नामक ग्रंथ के रचयिता । टि---विचार माला की रचना सं० १७२६ में हुई थी। सं० १७२० में इन्होंने प्रवोध चन्द्रोदय का भी अनुवाद किया था। अतः १६५९ ई० (सं० १७१६) इनका रचनाकाल है, न कि जन्मकाल । --सर्वेक्षण २९ २८८. जनार्दन कवि-जन्म १६६१ ई० । . . शृंगारी कवि । टि-जनार्दन पद्माकर के पितामह और मोहनलाल के पिता थे। सं० १७४३ में यह उपस्थित थे। इलो वर्ष मोहनलाक का जन्म हुआ था। १६६१ ई० इनका प्रारंभिक रचनाकाल है, न कि जन्मजाल । - सर्वेक्षण २७८. २८९. बलिजू-१६६५ ई० में उपस्थित । हजारा। २९०. बुधराम कवि–५६६५ ई० में उपस्थित । हजारा।