पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२२

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३. कविमाला तुलसी १६५५ ई० ४. इजारा । कालिदास त्रिवेदी १७१८ ई० ५. काव्य निर्णय भिखारीदास । १७२५ ई० के लगभग ६• सत्कविगिरविलास • बलदेव ७. सूदन द्वारा प्रशंसित कवि सूची सूदन १७५० ई० के लगभग ८. विद्वन्मोद-तरंगिणी सुब्बासिंह १८१७ ई० ९. राग सागरोद्भव । राग कल्पद्रुम | कृष्णानन्द व्यासदेव १८४३ ई० १०. श्रुंगार संग्रह सरदार ११. भक्तमाल का उर्दू अनुवाद तुलसीराम । १८५४ ई० १२. रसचन्द्रोदय । ठाकुर प्रसाद त्रिपाठी १८६३ ई० १३. दिग्विजय भूषण गोकुल प्रसाद १८६८,३० १४, सुन्दरी तिलक हरिश्चन्द्र १५. काव्य संग्रह महेशदत १८७८ ई० १६. कवित्त रत्नाकर । मातादीन मिश्च १८७६ ई० १७, शिवसिंह सरोज शिवसिंह सेंगर १८८३ ई० १८. विचित्रोपदेश नकछेदी तिवारी १८८७ ई० इन १८ ग्रन्थों में से १७ वां सरोज है । १८ वां इसका परवर्ती ग्रन्थ है। प्रथम १६ सरोज की पूर्ववर्ती रचनायें हैं। इनमें से केवल ऋगार संग्रह ऐसा है, जिसका उल्लेख शिवसिंह ने नहीं किया है। शेष १५ की सहायता उन्होंने ली है । ग्रियर्सन इन सभी ग्रन्थों से सहायता लेने का उल्लेख करते हैं, पर यह ठीक नहीं प्रतीत होता । उन्होंने केवल निम्नांकित ५ ग्रन्थों की सहायता ली है- १, रारा कल्पद्रुम २. श्रृंगार संग्रह '. ३. सुन्दरी तिलक ४. शिवसिंह सरोज ५. विचित्रोपदेश " रागकल्पद्रुम को बड़े परिश्रमपूर्वक और बड़ी कठिनाई से प्राप्त कर ग्रिय- सैन ने देखा था। ऐसा उल्लेख रोगकल्पद्रुम द्वितीय संस्करण के सम्पादक