पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२३४

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टि०-इसी वर्ष इन्होंने 'रस-भूषण' नाम ग्रंथ लिखा (विनोद ६७३)। · अंतः यह जन्म काम नहीं है। --सर्वेक्षण ४२ ३९५. बीरबल-उपनाम बीरवर, दिल्ली के कायस्थ । १७२२ ई० में उपस्थित। उक्त वर्ष लिखित 'कृष्ण चन्द्रिका' नामक साहित्य ग्रंथ के रचयिता । ३९६. राजाराम कवि-जन्म १७२१ ई० । शृङ्गारी कवि । देखिए सं० २३३ । ३९७. अनवर खाँ क्ववि-जन्म १७२३ ई०। ___ इन्होंने बिहारी सतसई ( सं० १९६ ) पर एक टीका और अनवर चन्द्रिका नाम एक और ग्रन्थ लिखा; अथवा सम्भवतः अनवर चन्द्रिका ही उक्त टीका का नाम है। टि०-विहारी सतसई की प्रसंग-प्राप्त टीका का ही नाम अनवर चन्द्रिका है । अनवर चन्द्रिका कोई अन्य ग्रन्थ नहीं। इसकी रचना अनवर खाँ ने नहीं की थी; अनवर खाँ के लिए इसकी रचना कमल नयन और शुभकरन नामक कवियों ने सं० १७७१ से की थी। अतः १७२३ ई. अनवर खाँ का जन्म काल न होकर उपस्थिति काल है। -सर्वेक्षण ४३ ३९८. गुलाल सिङ्घ-जन्म १७२३ ई० । टि०--गुलाल सिंह ने सं० १७५२ में दफ्तर नामा ग्रंथ रचा था। अतः १७२३ ई० (सं० १७८०) इनका उपस्थिति काळ है, न कि जन्म काल । -सर्वेक्षण २०५ ३९९. वेचू कवि-जन्म १७२३ ई० । ४००. ब्रजनाथ कवि-जन्म १७२३ ई०। राग माला ( राग कल्पद्रुम) नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ के रचयिता । देखिए सं० ९०४। ४०१. मधुनाथ कवि-जन्म १७२३ ई० । ४०२. मनोहर कवि-जन्म १७२३ ई. । टिक-सनोहरदास प्रियादास के गरु थे। इन्होंने सं० १७५७ में 'राधा रमण रस सागर लीला' नाम ग्रंथ रचा था । अतः १७२३ ई० (सं० १७८०) इनके जीवन का सांध्यकाल है, न कि जन्मकाल । - सर्वेक्षण ६८२ ४०३. महाकत्रि--( १ बड़ा कवि )--१७२३ ई० में उपस्थित । सुंदरी तिलक।