पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२३६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

(२१७) ४१२. मंचित कवि-जन्म १७२८ ई० । टि०-१७२८ ई. (सं० १७८५) इनका उपस्थिति काल है। -सर्वेक्षण ६४५ ४१३. बिहारी कवि-बुंदेलखंडी । जन्म १७२९ ई०। टि०-१७२९ ई० (सं० १७८६ ) उपस्थिति काल है। -सर्वेक्षण ५५३ ४१४, नरिंद कवि-जन्म १७३१ ई०। ४१५. रस रूप कवि-जन्म १७३१ ई० टि-१७३१ ई० (सं० १७८८) उपस्थिति काल है। सं० १८११ सें इन्होंने तुलसी भूषया नाम ग्रंथ रचा था, जिसमें तुलसीदास के अलंकारों पर विचार है। -~-सर्वेक्षण ७९२ ४१६. सिवराम कवि-जन्म १७३१ ई०। सूदन । शृंगारी कवि। टि०-१७३१ ६० (सं० १७८८ ) कवि का प्रारंभिक रचनाकाल है। -सर्वेक्षण ८४७ ४१७, सिव सिद्ध-जन्म १७३१ ई० । टि-शिव सिंह का रचनाकाल सं० १८५०-७५ है । १७३१ ई० (सं० १७८८) के बाद,संभवतः १८२५ के आसपास इनका जन्म हुआ रहा होगा। -सर्वेक्षण ८५३ ४१८. अनन्य कषिजन्म १७३३ ई० । वेदांत, धर्म और नीति संबंधी इनकी कविताएँ उपलब्ध हैं। यह चेतावनी और सायिक कविताएँ भी लिखते थे। अज्ञात तिथि वाले, दुर्गा की प्रशस्ति में ग्रंथ रचने वाले, शिवसिंह द्वारा उल्लिखित 'अनन्य कवि' भी संभवतः यही हैं। टिo--नियसन के ५,२७७,४१८ तीनों कवि एक ही हैं। देखिए यही ग्रन्थ, संख्या २७७ । १७३३ ई० इस कवि के जीवन का सांध्यकाल है, जन्मकाक नहीं। -सर्वेक्षण ३० ४१९. तारापति कषि-जन्म १७३३ ई० । ' शृङ्गार संग्रह । किसी नखशिख के रचयिता। शिव सिंह द्वारा उल्लिखित १७७९ ई० में उत्पन्न ( ? उपस्थित ) 'तारा कवि' भी संभवतः यही हैं । टिक-दोनों कवियों की अभिन्नता स्थापित करनेवाले सूत्र सुलभ नहीं । ४२०. रघुराय कवि-बुंदेलखण्डी भाट और कवि । जन्म १७३३ ई०।।