पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२३७

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(२१८) इनका सर्वाधिक प्रसिद्ध ग्रन्थ 'जमुना शतक' है । शिव सिंह द्वारा उल्लिखित १७७३ ई० में उत्पन्न (? उपस्थित) रघुराय कवि' भी संभवतः यही हैं। टि-दोनों कवियों के एक होने की सम्भावना ठीक प्रतीत होती है। ४२१. ईसुफ खाँ कवि-जन्म १७३४ ई० ।। ___ इन्होंने बिहारी (सं० १९६ ) की सतसई और केशवदास (सं० १३४ ) की रसिक प्रिया पर टीकाएँ लिखी हैं. । टि०-ईसुफ खाँ और उनकी टीकाओं का कोई सूत्र भाज तक नहीं उपलब्ध हो सका है। ४२२. धन सिङ्घ कवि-मौरावा जिला उन्नाव के भार और कवि । जन्म १७३४ ई० ४२३. प्रेम सखी-जन्म १७३४ ई० । टि-इनका रचनाकाल सं० १८८० वि० है। -सर्वेक्षण १५३ ४२४. सरबसुख लाल-जन्म १७३४ ई० - सूदन । ४२५. रविनाथ कवि-बुन्देलखण्डी । जन्म १७३४ ई० । शृङ्गारी कवि। ४२६. नवखान कवि-बुन्देलखण्डी । जन्म १७३५ ई० । ...." ४२७. जगदेव कवि-जन्म १७३५ ई० । ४२८. रस लाल कवि-बुन्देलखण्डी, जन्म १७३६ ई०।। शृङ्गारी कवि । ४२९. हरिहर कवि-जन्म १७३७ ई० ।। सूदन । ४३०. ईस कवि-जन्म १७३९ ई० । इनकी शृङ्गार और शांत रस की कविताएँ बहुत मनोहर कही जाती हैं । ४३१. सिव कवि-बिलग्राम, जिला हरदोई के कवि और भाट । जन्म .. . १७३९ ई० | . सुंदरी तिलक । रसनिधि नामक शृङ्गारी ग्रंथ के रचयिता। ४३२. तोखनिधिः-कंपिला नगर के ब्राह्मण | जन्म १७४१ ई० । ' तीन ग्रंथों के रचयिता-(१) सुधानिधि,(२) व्यंग्य शतक, (३) नखशिख । टि०--सुधानिधि तोष की रचना है। १७४१ ई० रचनाकाल है, न कि