पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२३८

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( २१९ ) जन्मकाल । इन्होंने सं० १७९४ में रतिमंजरी की रचना की थी। . -सर्वेक्षण ३३१ ४३३. प्रेमी यमन--दिल्ली के मुसलमान । जन्म १७४१ ई० । राग कल्पद्रुमः । इन्होंने शब्द कोश सम्बन्धी एक अच्छा ग्रंथ दो भागों में लिखा, जिनका क्रमशः नाम है अनेकार्थ ( रागकल्दुम ) और 'नाममाला' (राग कल्पद्रुम)। . .. टि-सरोज में इस कवि का यह विवरण दिया गया है-"अनेकार्थ माला कोष बहुत सुन्दर ग्रंथ रचा है।" इसके दो भागों की कल्पना ग्रियर्सन ने न.जाने वहाँ से कर ली है। यह असल में दिल्ली वाले अन्दुरहिमान कवि हैं । सं० १७९८ इनका उपस्थितिकाल है, न कि जन्मकाल । -सर्वेक्षण ४५५, ३२ ४३४. ठाकुर कवि-१७४३ ई० में उपस्थित । देखें ठाकुर कवि, जो १६४३ ई० में उपस्थित थे (सं० १७३)। टि०-१७४३ ई० या सं० १८०० में तीन ठाकुरों में से कोई भी नहीं उपस्थित था। --यही ग्रंथ, संख्या १७३, सर्वेक्षण ३११ ४३५. मीर अहमद-बिलग्राम, जिला हरदोई के | जन्म १७४३ ई० । ४३६. अनूपदास कवि-जन्म १७४४ ई० । शान्त रस के इनके अनेक कवित्त दोहे उपलब्ध हैं । ४३७. कुमार सनि भट्ट-गोकुल, ब्रज के भौंट, जन्म १७४६ ई. । कुशल कवि । रसिक रसाल नामक भाषा साहित्य का अच्छा ग्रंथ लिखा है। टि-रसिक-रसालका रचनाकाल सं० १७७६ (१७१९ ई०) है; अतः १७४६ ई. इनका जन्मकाल नहीं हो सकता। अधिक से अधिक इस समय तक कवि जीवित रहा हो, तो रहा हो। यह दाक्षिणात्य भट्ट ब्राह्मण थे, भाँट नहीं । -सर्वेक्षण ६७ ४३८, जीवन कवि-जन्म १७४६ ई० । मुहम्मद अली के दरबार में थे। .' . टि-लखनऊ के नवाब मुहम्मद अली का शासनकाल सं० १८९४-९९ (१८३७-१८४२ ई.) है। यही जीवन का रचनाकाल है। इन्होंने सं. १८७३ में चरिचण्ड विनोद नामक ग्रंथ लिखा था। सं० १८१० (१७५३ ई.) से इनके पिता चन्दन का रचनाकाल प्रारम्भ होता है, जो