पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२४७

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(२२८) ४९२. गुनदेव-बुंदेलखंडी । जन्म १७९५ ई० । कहा जाता है कि इन्होंने कुछ अच्छी कविताएँ लिखी हैं। ४९३. गोपाल लाल कवि-जन्म १७९५ ई० । कहा जाता है कि इन्होंने शांत रस की कुछ अच्छी कविताएँ लिखी हैं। टि-गोपाल लाल ने बोध प्रकाश की रचना सं० १८३१ में एवं सुदामा चरित की सं० १८५३ में की; अतः १७९५ ई० (सं० १८५२) इनका उपस्थिति काल है, न कि जन्मकाल । -सर्वेक्षण १६५ ४९४. उमेद कवि-जन्म १७९६ ई० । इनका नखशिख परम प्रसिद्ध है। यह शाहजहाँपुर के पास अथवा दोआब के किसी गाँव के रहनेवाले थे, ऐसा प्रतीत होता है। ४९५. ऊधो कवि-जन्म १७९६ ई० । शृङ्गार संग्रह, (१) राग कल्पद्रुम । देखिए सं० ७९. ४९६. कवींद्र नरवर, बुंदेलखंड के ब्राह्मण । जन्म १७९७ ई०। सखीसुख ( सं० ४५३) के पुत्र और रसदीप नामक ग्रंथ के रचयिता । टि०-- रस दीपक' की रचना सं० १७९९ में हुई। अतः १७९७ ई० न इनका जन्मकाल है और न उपस्थिति काल ही। यह अशुद्ध है। .-सर्वेक्षण ७५ ४९७. इच्छाराम अवस्थी-पचरुवा, जिला बाराबंकी के। १७९८ ई० में उपस्थित । अत्यंत पवित्र भावना वाले कवि । इन्होंने उक्त वर्ष वेदांत दर्शन सम्बन्धी ब्रह्म-विलास नामक ग्रंथ रचा। टि.-'ब्रह्म-विलास वेदांत का अन्य नहीं है। यह सुदामा चरित है। -सर्वेक्षण ४८ ४९८. साधर कवि-जन्म १७९८ ई० । ४९९. सुकवि कवि-जन्म १७९८ ई० । शृङ्गारी कवि। ५००. बोध कवि-जन्म १७९८ ई० . देखिए संख्या ४४९ ।। ___ टि-बोध ४४९ संख्यक बोधा ही है। १७९८ ई. (सं० १८५५) इनका जन्म काल नहीं है । यह इनके जीवन का अन्तिम काल है। -सर्वेक्षण ५४४, ५४३ ५०१. नरोत्तम-बुन्देलखण्डी । जन्म १७९९ ई० ।