पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२६०

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.. १६. . . ( २४१ ) . .. इनके सरोज ( सर्वक्षण) के ७२९ संख्यक रामकृष्ण कवि से अभिन्न होने की कोई सम्भावना नहीं । ५३९. हरिदास कवि-बुन्देलखण्डी । जन्म १८३४ ई० । - यह नोने कवि ( सं० ५४५ ) के पिता थे। इन्होंने राधा भूषण नाम शृङ्गारी काव्य लिखा। टि-इन हरिदास ने सं० १८११ में ज्ञान सतसई और सं० १८५३ में भाषा भागवत एकादश स्कंध की रचना की। अतः १८३४ ई. (सं० १८९१) न तो इनका जन्म काल है और न उपस्थिति काल ही । यह अशुद्ध है। -सर्वेक्षण ९६१ ५४०. गंगाराम कवि-बुंदेलखंडी, जन्म १८३७ ई० । साधारण कवि। टि-गंगाराम का कविताकाल सं० १८४६-१८९४ है, अतः १८३७ ई० (सं० १८९६) इनका जन्मकाळ नहीं हो सकता। -सर्वेक्षण १५४ ५४१. परमानंद लल्ला पुरानीक-बुंदेलखंडी, अजयगढ़ के 1 जन्म १८३७ ई.] नखशिख के रचयिता । ५४२. अवधेस-बुंदेलखंडी, भूपा के ब्राह्मण । जन्म १८३८ ई०। । यह कवि सुंदर कविताओं की रचना में कुशल कहे गए हैं, पर शिव सिंह कहते हैं कि उन्हें इनके एक भी पूर्ण ग्रंथ की उपलब्धि नहीं हुई है । मिलाइए सं० ५२० । - टि०-५४० और ५२० संख्यक दोनों अवधेश एक ही है। इनका रचनाकाल सं० १८८६-१९१७ है । अतः १८३८ ई० ( सं० १८९१) इनका जन्मकाल नहीं है। -सर्वेक्षण ५, ६ ५४३. बलदेव कवि-बुंदेलखंडी, चरखारी के । जन्म १८३९ ई० । संभवतः ५१८ संख्यक कवि ही। 'वि०-यह कवि दुहरा उठा है। १८३९ ई. (सं० १८९६ ) इसका जन्मकाल हो सकता है । इसका रचनाकाल सं० १९१७-३७ है । . -सर्वेक्षण ५०० ५४४. भोलासिंह कवि--परना, बुन्देल खंड के । जन्म १८३९ ई० ।