पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२८८

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उसी पुस्तकालय में एक तीसरी प्रति भी है, जिसका नाम है 'श्री भागवत दसम स्कंध' और एक चौथी प्रति, भाषा में, इंडिया आफिम लाइब्रेरी में उमी नाम से है।" इसी ग्रन्थकार के अनुमार ( भाग १, पृष्ठ ४०४ ) प्रेम केश्वरदास (सं० ८५९ ) ने पुराण के बारहवें स्कंध का अनुवाद किया था, जिमकी एक प्रति इंडिया आफिस के पुस्तकालय में है, इस पुराण की एक टीका बलिभद्र (सं० १३५) द्वारा की गई थी। ६३०. देओकीनंदन मुकल----मकरंदपुर, जिला कान्हपुर के । जन्म १८१३ ई० । - सुंदरी तिलक, शृङ्गार संग्रह। यह गुरुदत्त सुकल ( सं० ६३१) और शिवनाथ (सं० ६३२) के भाई थे। गुरुदत्त पच्छी विलास के, देवकी नखशिख और दो तीन सौ तक मिलने वाले फुटकर छंदों के रचयिता है। शिवनाथ की कोई भी कविता अभी तक पहिचानी नहीं जा सकी है। टिo-मकरंदपुर कानपुर जिले में नहीं है। यह कन्नौज के निकट है और फर्रुखाबाद जिले में है। गुरुदत्त और देवकी दन भाई भाई थे । शिवनाथ इन दोनों के पिता थे। १८१३ ई० ( सं० १८७० ) इनका जन्म काल नहीं है, उपस्थिति काल है। इनका ज्ञ त रचना-काल सं० १८४०-५६ है। -सर्वेक्षण ३६४ ६३१. गुरदत्त सुकल-मकरंदपुर, जिला कान्हपुर के ! जन्म १८०७ ई० 1 शृङ्गार संग्रह। यह देवकीनंदन सं०६३०) और शिवनाथ (सं०६३२) के भाई थे ! तीनों अच्छे कवि थे । इनका प्रमुख ग्रन्थ पच्छी विलास है। टि-मकरंदपुर फरहाबाद जिले में है। गुरुदत्त देवकीनंदन के भाई और शिवनाथ के पुत्र थे। १८०७ ई० (सं० १८६४ ) कवि का उपस्थिति काल है, न कि जन्म काल । _ -देखिए यही ग्रंथ सं० ६३० और सर्वेक्षण १८४ ६३२. सिवनाथ सुकल-उपनाम संभोग नाथ, मकरंदपुर जिला कान्हपुर के । जन्म १८१३ ई० १ सुन्दरी तिलक। यह गुरुदत्त (सं० ६३१) और देवकीनंदन (सं० ६३०) के भाई थे और अच्छे कवि थे। अपनी कविताओं में केवल 'नाथ' छाप रखने के कारण इनकी कविताओं को पहचान कर अलग कर लेना अत्यंत कठिन है। .. टि-शिवनाथ का उपनास 'नाथ' था, न कि 'संभोग नाथ' । मकरंद'पुर फर्रुखाबाद जिले में है। यह गुरुदत्त और देवकीनंदन के पिता थे। १८१३ ई० (सं० १८७०)न. तो इनका जन्म काल है और न इस संवत्