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६८७. अनीस कवि—जन्म १८५४ ई०।

दिग्विजय भूषण।

टि०—अनीस की रचना सं० १७९८ में रचित दलपति राय वंशीवर के अलंकार रत्नाकर में है। अतः १८५४ ई॰ पूर्णरूपेण भ्रष्ट है। यह न तो जन्मकाल है, न उपस्थितिकाल।

——सर्वेक्षण २७


६८८. भूमिदेव कवि—जन्म १८५४ ई॰।

टि०—१८५४ ई० (सं० १९११) उपस्थितिकाल है, न कि जन्मकाल।

——सर्वेक्षण ६१५


६८९. भूसुर कवि—जन्म १८५४ ई०।

टि०—१८५४ ई० (सं० १९११) उपस्थितिकाल है, न कि जन्मकाल।

——सर्वेक्षण ६१९


६९०. जै नरिन्द सिङ्ग—उपनाम नरेन्द्र सिंह, पटियाला के महाराज, १८५७ ई० में उपस्थित, मृत्यु १८६२ ई०।

सुन्दरी तिलक।

टिक०—कवि का नाम नरेन्द्र सिंह, उपनाम नरिन्द है। ग्रियर्सन ने न जाने कहाँ से 'जै' जोड़ दिया है।

——सर्वक्षण ४२२


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