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टि०—यह सूची यद्यपि भारतेंदु के ही अनुसार है, फिर भी 'माधुरी', 'नव मल्लिका' और 'जैसा काम वैसा परिणाम' ये तीनों नाटक भारतेंदु कृत नहीं माने जाते।

अध्याय ११ का परिशिष्ट


७०७. पंचम कवि—डलमऊ जिला रायबरेली के कवि और भाट।

जन्म (१ उपस्थिति)—१८६७ ई०।

टि०—१८६७ ई० (सं० १९२४) कदापि जन्मकाल नहीं हो सकता, क्योंकि इसके १० वर्ष बाद ही सरोज का प्रणयन हुआ। यह कवि का उपस्थिति काल है।
७०८. फूलचंद—बैसवाड़ा के ब्राह्मण।

जन्म (१ उपस्थिति)—१८७१ ई०।

शिव सिंह इस नाम के दो कवियों का उल्लेख करते हैं। दूसरा तिथि विहीन है।

टि०—१८७१ ई० (सं० १९२८) कवि का उपस्थिति काल है। इन्होंने इस संवत के दो ही वर्ष बाद सं० १९३० में 'अनिरुद्ध स्वयंबर' नाम ग्रंथ लिखा था।

—सर्वेक्षण ४९३


७०९. सुदरसन सिङ्घ—चंदापुर के राजा (देखिए सं० ६९३)

जन्म (१ उपस्थिति) १८७३ ई०।

इन्होंने अपनी कविताओं का एक संग्रह प्रकाशित किया है।

टि०-१८७३ ई० (सं० १९३०) निश्चय ही कवि का उपस्थितिकाल है, क्योंकि इसके ४ ही वर्ष बाद सरोज की रचना हुई।
७१०. मानिकचंद—सीतापुर जिले के कायस्थ।

जन्म (१ उपस्थिति)—१८७३ ई०।

टि०—१८७३ ई० (सं० १९३०) निश्चय ही कवि का उपस्थितिकाल है, क्योंकि इसके ४ ही वर्ष बाद सरोज की रचना हुई।
७११. आनंद सिद्ध—उपनाम दुर्गा सिंह, अहबंन दिकौलिया जिला सीतापुर के रहने वाले। १८८३ ई० में जीवित।
७१२. ईश्वरी परसाद त्रिपाठी—पीर नगर जिला सीतापुर के। १८८३ ई० में जीवित।

इन्होंने 'राम विलास' नाम से वाल्मीकि रामायण का भाषानुवाद विभिन्न छन्दों और महाकाव्य-रूप में किया है।