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७१३. उमराव सिङ्घ पँवार—सैदपुर जिला सीतापुर के भाट (bard)।

१८८३ ई० में जीवित।

टि०—सरोज में सैदगाँव लिखा है, न कि सैदपुर। यह क्षत्रिय थे, भाट नहीं।

—सर्वेक्षण ६१.


७१४. गुरुदीनराय बंदीजन—पैंतेया जिला सीतापुर के भाट। १८८३ ई० में जीवित।

यह ईसा नगर जिला खीरी के राजा रणजीत सिंह साह जाँगरे (सं० ७१६) के दरबारी कवि थे।

टि०—पैंतेया नहीं, पैंतेपुर। यह जाँगरे के साह या राजा थें।

—सर्वेक्षण १८२


७१५.बलदेव कवि अवस्थी—दासापुर जिला सीतापुर के। १८८३ ई० में जीवित।

हथिया के राजा दलथंभन सिंह गौड़ सवैया के नाम पर इन्होंने श्रृंगार सुधाकर नामक नायिका भेद का ग्रंथ लिखा था।

टि०—दलथंभन सिंह पँवार ठाकुर थे, यह हथिया के रहने वाले थे। सरोज में 'सवैया हथिया' दिया भी गया है, ग्रियर्सन में केवल सवैया रह गया है। श्रृंगार सुधाकर की रचना सं० १९३० में हुई।

—सर्वेक्षण ५०३


७१६. रनजीत सिङ्घ साह जाँगरे—ईसा नगर जिला खीरी के । १८८३ ई० में जीवित।

हरिवंश का अनुवाद किया है।
७१७. ठाकुर परसाद त्रिवेदी—अलीगंज, जिला खीरी के। १८८३ ई० में जीवित।
७१८. हजारीलाल त्रिवेदी—अलीगंज, जिला खीरी के। १८८३ ई० में जीवित।

नीति और शांत रस के कवि।
७१९. गंगादयाल दुबे—निसगर जिला रायबरेली के। १८८३ ई० में जीवित।

संस्कृत और भाषा दोनों में प्रवीण कहे जाते हैं।
७२०. दयाल कवि—वेंती जिला रायबरेली के। १८८३ ई० में जीवित।

यह भौन कवि (सं० ६११) के सुपुत्र हैं।