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७६७. नामदेव—इनकी कविताएँ सिख ग्रंथ में भी हैं। ( देखिये सं० २२, १६९)

टि०—इन महाराष्ट्र वैष्णव कवि नामदेव का जन्मकाल शक सं० ११९२ (सं० १३२६ वि०) और मृत्युकाल शक सं० १२७२ (सं० १४०६ वि०) माना जाता है। सरोज में इनका उल्लेख नहीं है।

—हिन्दी साहित्य का इतिहास पृष्ठ ६६


७६८. बलिराम दास—व्रजवासी।

शृङ्गार संग्रह में भी। संभवतः वही बलिराम, जिनका उल्लेख गार्सो द तासी ने (भाग १, पृ० १०५) मैक० (भाग २, पृष्ठ १०८) के आधार पर 'चित विलास' के रचयिता के रूप में किया है। चित विलास सृष्टि विधान सम्बन्धी ग्रंथ है। इसमें मानव जीवन का लक्ष्य और पुरुषार्थ, स्थूल और सूक्ष्म शरीर की रचना तथा मोक्ष-प्राप्ति के साधनों का वर्णन हुआ है।

टि०—कुछ निश्चय पूर्वक नहीं कहा जा सकता कि बलराम दास ब्रजवासी ने ही चित विलास की रचना की।
७६९. विशनदास—कुछ दृष्टिकूट सम्बन्धी दोहों के भी रचयिता एक कवि का नाम।

टि०—सरोज में पद वाले विष्णुदास (सर्वेक्षण ५२६) और कूट दोहों के रचयिता विष्णुदास (सर्वेक्षण ५२७) विभिन्न व्यक्ति स्वीकृत हैं। इनकी अभिन्नता का कोई प्रमाण नहीं। पद वाले विष्णुदास वल्लभ संप्रदाय के हैं। इनका रचनाकाल सं० १६२० और १६८० के बीच है।
७७०, भगवाम हित राम राय

टि०—इनका समय सं० १६५० के आसपास है।—सर्वेक्षण ६०४
७७१. मननिधि कवि—

टि०—सरोज में (सर्वेक्षण ६५१) यह उल्लेख नहीं है कि इनकी कविता रागकल्पद्रुम में है।
७७२. मनिकण्ठ कवि

टि०—मणिकण्ठ ने (सर्वेक्षण ६५२) बैताल पचीसी का भाषानुवाद सं० १७८२ में किया था। सरोज में इनके भी सम्बन्ध में उल्लेख नहीं है कि इनकी रचना रागकल्पद्रुम में है।
७७३. मुरारिदास—ब्रजवासी।

टि०—भक्तमाल छप्पय १२८ में मुरारिदास का उल्लेख है, अतः यह सं० १६४९ के पूर्व या आसपास उपस्थित थे। —सर्वेक्षण ६४९