पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/३३

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( २६ ) ग्रियर्सन के प्रथम ११ अध्यायों में सु-तिथि कवियों का विवरण है। १२वें अध्याय में उन कवियों का उल्लेख हुआ है, जिनका सन् सम्वत् ग्रियर्सन ने नहीं निर्णय कर पाया है। प्रथम ११ अध्यायों में कुल ७३९ कवि हैं । इनमें से ४४० कै संवत ( कुल ४३८ संवत ) ज्यों के त्यों सरोज से लिये गये हैं। अतः ग्रियर्सन में कुल २९९ संवत नये हैं ।। १२३ | इन २९९ नये संवतों में से ४६ कवि तो पूर्णरूपेण नये हैं । ये ग्रियर्सन में। नये आये ६५ कवियों में से प्रथम ४६ कवि हैं । यह सूची पीछे दी जा चुकी है । अतः इन २९९ कवियों में से केवल २५३ कवि सरोज से उद्धृत हैं। इनमें से निम्नांकित ११ कवियों की तिथियाँ पूर्णरूपेण नई हैं । सरोज में इनकी कोई तिथि नहीं दी गई है। क्रम सं० कवि नाम ग्रियर्सन-संख्या' सरोज-संख्या गदाधर दास जगामग नीलाधर १३३ सुन्दरदास ( संत ) १६४ ८७७ हरिचन्द चरखारी वाले १७४ १००२ राव रतन राठौर २०७ प्रहलाद चरखारी वाले मान कवि बुन्देलखंडी देव, कोष्ट-जिल्ला स्वामी दिनेश १५ रघुनाथदास महन्त अयोध्या ६९२ . ७४२ | दीव नरेश रघुराज सिंह एवम् राजा शिव प्रसाद सितारे हिन्दे को सरोज में विं० लिखा गया है। ग्रियर्सन में इनका जन्म एवम् सिंहासनारोहण संवत दिया गया है, साथ ही इन्हें १८८३ ई० (सरोज के द्वितीय संस्करण का समय) में उथ कहा गया है। ये उम्त भी नये हैं । अब ग्रियर्सन के २५३- ११-२-२४० कवियों के सम्वतों पर विचार करना शेप रह जाता है । सोई में कुल ५३कवि दि०' कहे गये हैं। इनमें से ४४ का उल्लेख ग्रियर्सन ॐ प्रयाम् ७४० म-तिथि कवियों के भीतर हुआ है। रघुराज सिंह एवम् शिव प्रसाद सितारे हिन्द को छोड़कर शेष ४३ कवियों को सन् १८८३ ई० में जीवित ४८५ ३६१