पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/३४०

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( ३२१ ) ८९९. रतनपाल कवि-नीति संबंधी अनेक दोहों के रचयिता । . ...टिक-इनके दरबारी कवि देवी ने सं० १७४२ में प्रेम रत्नाकर की रचना की थी। -सर्वेक्षण ७६८ ९००. रमापति-(१) शृङ्गार संग्रह में भी। मैथिल कवि । देखिए, जर्नल आफ एशियाटिक सोसाइटी आफ बंगाल, जिल्द ५३, पृष्ठ ८३ । ९०१. रसपुंजदास-दादू पंथी । 'प्रस्तार प्रभाकर' और 'वृत्त विनोद' नामक दो अच्छे पिंगल ग्रंथों के रचयिता । टि-'प्रस्तार प्रभाकर' का रचनाकाक स. १७८१ है। ---सर्वेक्षण ७५४ ९०२. रामचरन-गनेशपुर जिला बाराबंकी के ब्राह्मण । कायस्थ कुलभास्कर नामक संस्कृत ग्रंथ एवं कायस्थ धर्म दर्पण नामक भाषा ग्रंथ के रचयिता। दि०-यह अयोध्या के महन्त थे । इनका रचनाकाल सं० १८४१-८१ है। ---सर्वेक्षण ७३२ ९०३. रामदत्त कवि । .. टि०---सं० १८५५ में इन्होंने दान लीला नाम ग्रंथ रचा था। -सर्वेक्षण ७८५ ९०४. रामदया कवि-'राग माला' नामक ग्रन्थ के रचयिता (राग कल्पद्रुम)। मिलाइए संख्या ४००। ९०५. रामदेव सिद्ध-खड़ासा के सूर्यवंशीय क्षत्रिय । टि-सरोज में इन्हें रामसिंह देव कहा गया है। ... --सर्वेक्षण ७२५ ९०६. रामनाथ मिसर-आजमगढ़ के। 'टि-यह सं० १९६४ में उपस्थित थे। -सर्वेक्षण ७८८ ९०७. रामबख्श-उपनाम राम कवि । यह सिरमौर के राना के दरबारी कवि थे। यह भाषा साहित्य के एक ग्रंथ एवं बिहारी सतसई (सं० १९६ ) की एक टीका के रचयिता हैं। .: . ९०८. रामलाल कवि ९०९. रामसखे कवि-ब्राह्मण ! 'नृत्य राघव मिलन नाटक' के रचयिता। टि.--'नृत्य राघव मिलन' का रचनाकाल सं० १८०४ है। -सर्वेक्षण ७२८