पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/३४१

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( ३२२ ) ९१०. रामसेवक कवि-ध्यानं चिंतामणि नामक ग्रंथ के रचयिता । टि–रामसेवक सतनामी संप्रदाय के थे। इनका समय सं० १८१७८६ के बीच है। -सर्वेक्षण ७४४ ९३१. रमाकांत-मैंने इसी कवि के समझ कर मिथिला में ब्रेजभाषा के कुछ गीत एकत्र किये हैं। ९१२. रायचंद कवि-गुजरात के अंतर्गत नागौर के निवासी। शिव सिंह के अनुसार मुर्शिदाबाद के जगत सेठं राजा डालचंदं के दरबारी कवि । (१) गीत गोविंदादर्श (गीत गोविंद का अनुवाद) तथा (२) लीलावती ( राग कल्पद्रुम) नामक दो विद्वतापूर्ण ग्रंथों के रचयिता ! मुर्शिदाबाद में एक राजा डालचंद थे, जो राजा शिवप्रसाद (सं० ६९९.) के पितामहं थे। संभवतः यही शिव सिंह द्वारा उल्लिखित व्यक्ति हैं। दि०-गीतगोविंदार्श की रचना सं० १८३१ में हुई। --सर्वेक्षण ७८० ऊपर दिए सारे विवरण एवं अनुमान ठीक हैं। . . ९१३. राय जू कवि-शृंगारी कवि । संभवतः यह शिवसिंह द्वारा उल्लिखित शृङ्गारी 'राय कवि' भी हैं। टिक-ग्रियर्सन का अनुमान ठीक है। ९१४. लछुमन कवि-इन्होंने पशु चिकित्सा संबंधी शालिहोत्र नाम ग्रंथ ... लिखा है। हि-इन लक्ष्मण का रचनाकाल सं० १९००-०७ है। -सर्वेक्षण २९ ९१५. लछुमन सिङ्घ-शृङ्गारी कविः टि-सरोज में इन्हें 'सं० १८१० में उ०' कहा गया है। ९१६. लक्ष्मी कवि-शिव सिंह के अनुसार इनका नामोल्लेख सूदन ने किया है। टि-अतः लक्ष्मी कवि सं० १८१० के आसपास या इसके कुछ पूर्व उपस्थित थे। -सर्वेक्षण २९ .. . ९१७. ललितराम कवि . .. ९१८. लाजव कवि