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९५१ हेम गोपाल कवि-एक कूट छन्द के रचयिता । इनका यही एक . छन्द उपलब्ध है। टि० -सरोज (सर्वेक्षण ९०१) में इन्हें 'सं० १७८० में उ०' कहा गया है। ९५२. हेमनाथ कवि-यह केहरी के कल्यान सिंह के दरबारी कवि थे। टिo--सरोज में इनका यह विवरण है.--'केहरी कल्यान सिंह के यहाँ थे। स्पष्ट है केहरी स्थान का सूचक नहीं है। ग्रियर्सन ने तृतीय अनुक्रम- .. णिका में भी इस शब्द को स्थान दिया है। स्पष्ट ही वे इसे स्थान-सूचक समझते थे।

       हेमनाथ सं० १८७५ के पूर्व किसी समय वर्तमान थे।
                                        -सर्वेक्षण ९८२