पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/३४६

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अनुक्रमणिका १ व्यक्ति-नाम . [ यह अनुक्रमणिका पूर्णतः नए सिरे से तैयार की गई है और मूल का . अनुवाद नहीं है। मूल अनुक्रमणिका में १५६४ नाम थे। यहाँ केवल उन कवियों की अनुक्रमणिका दी गई है, जिनका विवरण इस ग्रंथ में है। जिन व्यक्तियों या कवियों के विवरण में केवल नामोल्लेख हुआ है, उनका नाम इसमें सन्निविष्ट नहीं है। मूल अनुक्रमणिका आंग्ल वर्णानुक्रमसे थी और पर्याप्त भ्रष्ट भी थी। इस कवि नामानुक्रमणिका के साथ सरोज और ग्रियर्सन के संवतों की तुलनात्मक तालिका भी प्रस्तुत कर दी गई है, जिससे इस ग्रंथ पर सरोज का आभार सहज ही विदित हो सके। इस तालिका का उपयोग निम्नांकित बातें जान कर किया जा सकता है.---- (१) कवि के आगे जो अंक है, उसी संख्या पर उसका विवरण ग्रियर्सन में है। यह पृष्ठ संख्या नहीं है, कवि संख्या है। इसी प्रकार तृतीय स्तंभ में पहली संख्या सरोज में उक्त कवि की संख्या है। उक्त संख्याओं पर कवि उक्त ग्रंथों में हूँढ़ा जा सकता है। (२) ग्रियर्सन के बहुत से कवि सरोज के अनुसरण पर है, पर या तो ये एक ही कवि के द्वितीय रूप हैं अथवा अस्तित्व हीन कवि हैं। ऐसे कवियों को कोष्टक में घेर दिया गया है, इनकी संख्या ४३ है। जो कवि किसी दूसरे कवि के प्रतिरूप हैं, उनके नाम के सामने उसी स्तंभ में उस कवि की संख्या भी लिख दी गई है जिसके वे प्रतिरूप हैं। जो अस्तित्वहीन कवि हैं, उनके नाम के आगे उसी स्तंभ में कोई संख्या नहीं दी गई है । . (३) ग्रियर्सन में कुछ ऐसे भी कवि हैं, जिनका अस्तित्व संदिग्ध है। उनके नामों के आगे कोष्टक के भीतर सन्देह सूचक चिह्न (१) लगा दिया गया है। ऐसे कवि संख्या में ५ हैं। (४) ग्रियर्सन में ईस्वी सन प्रयुक्त हुआ है और सरोज में विक्रमी । सरोज के कुछ संवत् ईस्वी भी है। जहाँ वे ईस्वी सिद्ध हुए हैं, 'ई' लिख दिया गया है । सरोज के संवत् सर्वेक्षण से जो कुछ भी सिद्ध हुए हैं, वह भी संक्षेप में