पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/३४७

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लिख दिया गया है। तुलना करके जाना जा सकता है कि ग्रियर्सन ने सरोज  के संवत् को किस अर्थ में ग्रहण किया है और वह कहाँ तक ठीक है। .

(५) संक्षेपण चिह्नों का निहितं अर्थ यह है।

अ०= अशुद्ध 

उप = (१) उपस्थितिकाल (२) यदि ग्रियर्सन प्रकरण में कोई सन् नहीं दिया गया है, तो इसका अर्थ हुआ कि सरोज का सेवत् ग्रियर्सन में उपस्थितिकाल माना गया है ।

 ग्र = उक्त सन में कोई ग्रंथ रचा गया।
 ज = (१) ग्रियर्सन प्रकरण में यदि कोई सन् नहीं दिया गया है, तो
      'ज' का अर्थ हुआ कि सरोज का संवत् ग्रियर्सन में जन्मकाल के
       रूप में स्वीकृत हुआ है । ( २ ) जन्मकाल | 
म = मृत्युकाल 
रा= राज्यकाल 
वि० = विद्यमान, ग्रियर्सन प्रकरण में १८८३ ई० में, सरोज प्रकरण में

१८७८ ई० में।

सं०= ग्रियर्सन कुछ निश्चय नहीं कर सके कि सरोज के संवत् को जन्म- काल माने या उपस्थितिकाल ।
x = कोई संवत नहीं दिया गया है।
                         
                          -अनुवादक]