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( ३२८ ) लिख दिया गया है। तुलना करके जाना जा सकता है कि ग्रियर्सन ने सरोज के संवत् को किस अर्थ में ग्रहण किया है और वह कहाँ तक ठीक है। .
(५) संक्षेपण चिह्नों का निहितं अर्थ यह है।
अ०= अशुद्ध
उप = (१) उपस्थितिकाल (२) यदि ग्रियर्सन प्रकरण में कोई सन् नहीं दिया गया है, तो इसका अर्थ हुआ कि सरोज का सेवत् ग्रियर्सन में उपस्थितिकाल माना गया है ।
ग्र = उक्त सन में कोई ग्रंथ रचा गया। ज = (१) ग्रियर्सन प्रकरण में यदि कोई सन् नहीं दिया गया है, तो 'ज' का अर्थ हुआ कि सरोज का संवत् ग्रियर्सन में जन्मकाल के रूप में स्वीकृत हुआ है । ( २ ) जन्मकाल | म = मृत्युकाल रा= राज्यकाल वि० = विद्यमान, ग्रियर्सन प्रकरण में १८८३ ई० में, सरोज प्रकरण में
१८७८ ई० में।
सं०= ग्रियर्सन कुछ निश्चय नहीं कर सके कि सरोज के संवत् को जन्म- काल माने या उपस्थितिकाल । x = कोई संवत नहीं दिया गया है। -अनुवादक]