पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/४१

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( १ ) चोवी (२) मखजात, जालपा प्रसाद वाजपेयी । ( ३ ) मनोहर, काशीराम रिसालदार भरतपुर । (४) शंकर सिंह, बँड़रा सीतापुर । शेष ५ को बारहवें अध्याय में अनिश्चित कालीन कवियों में स्थान दे दिया गया है । (१) कविराम, रामनाथ कायस्थ ७८५ ( २ ) रसिया, नजीब ख ७८८ । ( ३ ) हनुमान बनारसी ७९६ सुन्दरी तिलक में इन तीनों की रचना है। अतः इन्हें १८६१ ई० से पूर्व उपस्थित माना गया है। (४) कालिका बन्दीजन् काशी, ७८० | इन्हें १८६३ ई० से पूर्व उप- स्थित कहा गया है, क्योंकि इनकी रचना ठाकुर प्रसाद त्रिपाठी के रस चन्द्रोदय में है। (५) कालीचरण बाजपेयी ८०१ सरोज के वि० कवियों को ग्रियर्सन की तुलना में संक्षेप में इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है:- सरोज ग्रियर्सन २ को नई तिथियाँ दी गई हैं। । ४२ को १८८३ ई० में जीवित कहा गया है |. ४ को स्वीकार नहीं किया गया है। __५ को अज्ञातकालीन बना दिया गया है। योग ५३ ।। सरोज में कुल २६३ अ-तिथि कवि हैं। इनमें से ११ को ग्रियर्सन में तिथियाँ दे दी गई हैं। इनकी सूची पीछे दी जा चुकी है। निम्नांकित ३१ कवियों को ग्रियर्सन में ग्रहण नहीं किया गया है :-- १।१३४ कुरुवा कवि प्राचीन । २।६४ केशवदास (२) ३।१५० गंगाधर बुन्देलखंडी '४।२१० गदाधर कवि ५११५७ गदाधर राम । ६।१६० गिरधारी (२) ७१२१९ चैद कवि (३) ८।२२० चंद कवि (४) . ९।२३४ चैनराय । १०।३०१ जगन्नाथ ११॥३१९ तुलसी (४) । | १२१३५३ द्विज राम । ५३