पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/५६

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१८८७ ई० ९. | रामसागरोद्भव | राग० | कृष्णानंद व्यासदेव | १८४३ ई० रागकल्पद्रुम (सं० ६३८) १०. | शृङ्गार संग्रह | शेंगी० सरदार (सं० ५७१) | १८४८ ई० ११. भक्तमाल को उर्दू उ० भ० तुलसी दास (सं०६४०) | १८५४ ई० अनुवाद १२. रस चंद्रोदय || रस० | ठाकुर प्रसाद (सं० ५७०) | १८६३ ई० दिग्विजय भूषण | दि ० | गोकुल प्रसाद (सं०६९४) | १८६ सुन्दरी तिलक हरिश्चन्द्र (से० ५८१) १८६९ काव्य-संग्रह । | काव्य ० महेशदत (सं० ६९६) १८७५ कवि [स] रत्नाकर | कवि० मातादीन मिश्र(सं० ६९८) १८७६ १७. शिवसिंह सरोज | शिव० | शिवसिंह से. (सं० ५९५) १८८३ ई० १८. विचित्रोपदेश १ | विचि० नकछेदी तिवारी यहाँ कतिपय उन हिंदी शब्दों के अंग्रेजी संगती शब्दों की सूची प्रस्तुत कर देनी लाभदायक होगा, जिनका प्रयोग मैंने किया है। नौरस या शैलियाँ ये हैं- १. शृङ्गार रस मेरे द्वारा अनूदित The erotic style ३. हास्यरस ११ The comic style ३. करुण रस ११ The elegiac style ४. वीर रस The heroic style ५. रौद्र रस The tragic style ६. भयानक रस, The terrible style ७, वीभत्स रस The Satiric Style ८. शांति [शांत रस : | The quietistic style ९. अद्भुत रस }} The sensational style ये अनुवाद ऐकदम ठीक होने का दावा नहीं करते । प्रत्येक एक हिंदी शब्द को दूसरे अंग्रेजी शब्द में सरल और सामान्य रूपान्तर मात्र है ।। १. ग्रंथ के अंतर्गत इस ग्रंथ का वर्णन नहीं हुआ है, क्योकि १८८३ ई० तक का ही विवरण प्रस्तुत किया गया है। यह काशिका प्रेस, वनारस से प्रकाशित है। ग्रंथकतों का नाम डुमराँव वादी नकछेदी तिवारी उपनाम अजान कवि है। उसने सुधाकर कवि के सहयोग से ग्रंथ का प्रणयन किया है। यह नीति-कविताओं की हास्य रस पूर्ण संग्रह है। इसमें | लगभग ५० प्रसिद्ध कवि उदाहृत हुए हैं। .