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शारंगधर के पिता का नाम दामोदर और पितामह का राघवदेव ( रघुनाथ नहीं, जैसा कि ग्रियर्सन में कहा गया है ) था, जो हम्मीर के दरबारी थे।

--सर्वेक्षण ९३२।

९. जोधराज-नीमराना, अलवर के निवासी, १३६३ ई० में उपस्थित। ऊपर संख्या ८ देखिए।

टि०--ये गौड़ ब्राह्मण बालकृष्ण के पुत्र थे। इन्होंने नवगढ़ ( वर्तमान नीमराना, अलवर ) के राजा चंद्रभान चौहान के अनुरोध से हम्मीर रासी नामक एक बड़ा प्रबंध काव्य सं० १८७५ में लिखा था। ग्रियर्सन में दिया इनका समय १३६३ ई० अशुद्ध है। यह कवि रीतिकालीन है और हिंदी साहित्य के आदि काल में इसे स्थान नहीं दिया जाना चाहिए।

--हिंदी साहित्य का इतिहास, पृ० ३५१