पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/८८

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| ( ७९ ) वही माधवदास हैं, जिनका अमोनाइट ( Ammonite) की प्रशंसा में लिखित एक गीत मैंने मिथिला में संकलित किया है । टि०---यह माधवदास जगन्नाथी हैं। सरोजर ने इनका विवरण भक्त- माल के आधार पर दिया है। यह पत्नी की मृत्यु की पश्चात् जगन्नाथपुरी में रहने लगे थे। एक बार वृन्दावन भी आए थे ! १५२३ ई० इनका उपस्थिति काल है, न कि जन्मकाल । भगवत रमित ग्रियर्सन के प्रमाद का प्रमाण है, ‘भगवत रमित अशुद्ध है, शुद्ध नाम है 'भगवत रसिक' । भगवत रसिक के पिता का नाम भी माधवदास था। परं भगवत रसिक के पिता माधवदास, माधवदास जगन्नाथी से भिन्न हैं। --सवंक्षण ६८७ शब्दकोष के अनुसार, अमोनाइट ( Ammonite ) एक प्रकार का पृथ्वी के अंर से खोदकर निकाला हुआ प्रस्तरीभूत अवशेष है, जो फूल पत्तेवाले और कोठरोदार कड़े आवरण से युक्त होती है, जिसे पहले लोग समझते थे कि कुण्डलित सर्प ही पत्थर बन गया है और उसी के आधार पर इसे ‘नाग-पाषाण' कहते थे-

  • A fossi genus of Caphalopods, with horled

chambered shells, once thought to be coiled snakeB petrified, called snake-stones | -Shorter Oxford Dictionary. २७. गोपा कवि---जन्म १५३३ ई० इन्होंने राम भूषण और अलंकार चन्द्रिको लिखी । | टि०---कवि का नाम गोप है, गोपा नहीं। गोप का पूरा नाम संभवतः गोपाळभट्ट था। यह ओरछा के राजा, पृथ्वी सिंह ( राज्यकाळ सं० १७९३- १८०९ वि० ) के दरबारी कवि थे। इसी समय के बीच किसी समय इन्होंने रामालंकार नाम ग्रन्थ रचा, जिसमें अपना पूरा परिचय भी दिया है । रामा- लंकार ग्रंथ ही रामभूषण और अलंकार चन्द्रिका अभिधान से ऊपर वर्णित है । ग्रियर्सन-दत्त संवत पूर्णतः भ्रष्ट है, यह न जन्मकाल है और न उप- स्थितिकाळ । गोप बहुत परवर्ती कवि हैं। -सर्वेक्षण १७१ २८, नरमिया कवि-उपनाम नरमी । गुजरात के अंतर्गत जूनागढ़ के . निवासी । जन्म १५३३ ई० ।