पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/८९

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( ८० ) टि.--ग्रियर्सन ने सरोज में छपे 'स' को 'स' समझ कर नरसी’ को ‘नरसी और 'नरसिया’ को ‘नरसिया' बना दिया है। रूपकला जी के अनुसार नरसी भगत का जन्मकाल सं० १६०० और .. । सृत्युकाल सं० १६५३ है । - सर्वेक्षण ४०४ २९. भगवानदास-मथुरावासी । जन्म १५३३ ई० । . . राग कल्पद्रुम ।। टि–भगवानदास मथुरावासी का विवरण भक्तमाल छप्पय १८८ मैं हैं । इन्होंने गोवर्द्धन में हरदेव जी का मन्दिर बनवाया था । १५३३ ई० इनका उपस्थितिकाल ही होनी चाहिए । --सर्वेक्षण ६०५ ३०. मोतीलाल कवि-बॉसी राज्यवासी । जन्म १५३३ ई० । | राग कल्पद्रुम । इन्होंने गणेश पुराण का भाषानुवाद किया ।। हिं०---सरोज में इन्हें सं० १९९७ मैं उ० कहा गया है। ग्रियर्सन ने १५९७ को १५९० समझ कर इन्हें १५३३ ई० में उत्पन्न कहा है। भाषा काव्य संग्रह में इनका मृत्युकाल सं० १५९८ दिया हुआ है। अतः १५३३ ई० में इनका जन्मकाल कदापि नहीं हो सकता । मोतीलाल जी बाँसी जिला बस्ती के रहने वाले नहीं थे । यह नौबस्ता, नागनगर परगना, जिला इलाहाबाद के रहने वाले थे । इनका ठीक-ठीक समय ज्ञात नहीं । गणेशपुराण की प्राप्त प्राचीनतम प्रति सं० १८६२ की लिखी हुई है। अतः यह १८६२ के पूर्व किसी समय हुए । यह इतने पुराने कवि नहीं हैं, जितना कि भाषाकाव्य संग्रह, सरोज एवं ग्रियर्सन में स्वीकार किया गया है। -सर्वेक्षण ६६७